परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों को अवकाश के लिए अब शिक्षाधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। छुट्टियों को लेकर की जाने वाली वसूली भी खत्म होगी। साढ़े पांच लाख शिक्षकों व कर्मियों को बड़ी राहत मिल गई है। महिला शिक्षकों व कर्मियों को बाल्य-देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव, सीसीएल) व मातृत्व अवकाश के लिए शपथ पत्र नहीं देना होगा। अब एक बार में 30 दिनों का सीसीएल मिलेगा।
शासन ने स्कूल शिक्षा महानिदेशालय के छुट्टियों के सरलीकरण से संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। मंगलवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। अभी मातृत्व अवकाश व सीसीएल लेने पर महिला शिक्षिका व कर्मियों को शपथ पत्र देना होता था कि वे कितनी छुट्टियां ले चुकी हैं और कितनी बाकी हैं। अब पूरी व्यवस्था आनलाइन होगी। सीसीएल खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) व बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की मर्जी पर निर्भर होता था।
अब एक बार में अधिकतम 30 दिन का अवकाश अवश्य स्वीकृत करना होगा। जनगणना, आपदा, चुनाव, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी व परीक्षा की अवधि व उससे पांच दिन पूर्व की तिथियों को छोड़कर अनिवार्य रूप से एक बार में 30 दिन का
अवकाश देना ही होगा। पूरे सेवाकाल में छह-छह महीने का दो बार मातृत्व अवकाश व दो वर्ष का सीसीएल दिया जाता है।
उधर शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों को मेडिकल अवकाश में भी राहत दी गई है। मेडिकल अवकाश के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सकों का ही प्रमाणपत्र मान्य होता था। अब रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (आरएमपी) का प्रमाणपत्र भी मान्य होगा। शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मियों को ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश में शासन स्तर व राज्य स्तर के सक्षम अधिकारी के आदेश पर ही अर्जित व उपार्जित अवकाश मिलेगा। अभी तक इन्हें यह अवकाश मिल रहे थे, लेकिन सक्षम अधिकारी तय नहीं था। अभी तक प्रतिकर अवकाश भी दिया जा रहा था। अब निर्बन्धित, प्रतिकर व अध्ययन अवकाश के साथ ही प्रतिकर अवकाश नहीं मिलेगा।