लखनऊ। प्रदेश में जून से चल रही परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की जिले के अंदर समायोजन की प्रक्रिया अपने अंजाम तक पहुंचती नहीं दिख रही है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से शिक्षकों से विद्यालयों का विकल्प मांगा गया था। इसकी आखिरी तिथि सोमवार को थी और आखिरी दिन वेबसाइट ही नहीं चली। दूसरी तरफ समायोजन प्रक्रिया के अगले चरण को स्थगित किया गया है।
प्रदेश में अधिक शिक्षकों वाले विद्यालयों से कम शिक्षकों वाले विद्यालयों में समायोजन की प्रक्रिया होनी है। जून में इसका शासनादेश जारी कर प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि इसमें प्रक्रिया धीमी गति से चली और फिर यह मामला हाईकोर्ट चला गया। हाल ही में हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के समायोजन से जुड़े कुछ अंश को निरस्त कर दिया है। इसके बाद से बेसिक शिक्षा परिषद या शासन ने कोई
शिक्षकों में असमंजस की स्थिति आखिरी दिन वेबसाइट भी नहीं चली
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- समायोजन रद्द, सस्पेंड शिक्षकों की बहाली भी अटकी
- जब तक विभागीय आदेश न आये प्रक्रिया जनपद स्तर से गतिमान रहेगी
- समायोजन विशेष: विद्यालय विकल्प का ऑप्शन पोर्टल पर ऑनलाइन हो गया है..
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संशोधित आदेश नहीं जारी किया है।
इसे लेकर शिक्षक काफी परेशान हैं। कई शिक्षक आखिरी दिन विकल्प भरने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनके मोबाइल पर ओटीपी ही नहीं आया। इससे वे दिनभर परेशान रहे। इसी बीच सुबह अपर परियोजना निदेशक की ओर से सूचना जारी की गई कि हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में समायोजन प्रक्रिया के आगे के चरण अगले आदेश तक स्थगित रहेंगे।
इसे लेकर शिक्षकों में ऊहापोह की स्थिति है कि आखिरी इस पर आगे क्या होगा। वहीं शिक्षकों की छह महीने से चल रही समायोजन की यह प्रक्रिया आखिर कब पूरी होगी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि जिले के अंदर समायोजन को लेकर विभाग को नए सिरे से नियम बनाकर आदेश जारी करना है। परिषद की ओर से कोई भी सूचना न जारी करने से ऊहापोह की स्थिति बनी है।