लखनऊ। राजकीय और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के विद्यार्थियों को अब नियमित कोर्स के साथ ही इंटरमीडिएट करने की भी सुविधा मिलेगी। इस व्यवस्था से कोर्स और इंटरमीडिएट का एक साथ प्रमाणपत्र मिल सकेगा।
नई शिक्षा नीति के आधार पर राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) ने विद्यार्थियों को यह सुविधा देने की तैयारी की है।
आईटीआई विद्यार्थियों को अभी वैकल्पिक रूप में 12वीं के लिए किसी एक भाषा विषय की परीक्षा देने की सुविधा है। अंग्रेजी या हिंदी विषय की परीक्षा में सफल होने पर उन्हें 12वीं का प्रमाणपत्र देने का प्रावधान है, लेकिन नई शिक्षा नीति के आधार पर अब नियमित पढ़ाई की योजना बनाई जा रही है।
व्यावसायिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल वर्मा ने बताया कि कई निजी संस्थान विद्यार्थियों को इंटरमीडिएट
व अन्य कोर्स करने की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन सरकारी तकनीक शिक्षण संस्थानों में यह व्यवस्था नहीं है। अब राज्य के तकनीक शिक्षण संस्थानों में आईटीआई के साथ इंटरमीडिएट करने पर जोर दिया जा रहा है।
नई व्यवस्था से आगे की पढ़ाई होगी आसान : राजकीय आईटीआई की प्रधानाचार्य शिवानी ने बताया कि आईटीआई करने की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल है। दो साल की पढ़ाई के दौरान कोई विद्यार्थी इंटरमीडिएट करना चाहे तो उसके लिए यह व्यवस्था बेहतर होगी। आईटीआई के बाद विद्यार्थी आगे की पढ़ाई भी नियमित रूप से कर सकेंगे।
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