लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के शीतकालीन सत्र में भोजनावकाश के बाद सदन में कुल आठ महत्वपूर्ण विधेयक और अध्यादेश पेश किए गए। परिषद के प्रमुख राजेश कुमार ने विभिन्न विभागों से जुड़े अध्यादेशों को पटल पर रखा।
सदन में पेश किए गए प्रमुख अध्यादेश
विधान परिषद में जिन अध्यादेशों को प्रस्तुत किया गया, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं—
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उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी एवं विधिमान्यकरण अध्यादेश
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उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम संशोधन अध्यादेश
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उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश
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सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश
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उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश
इसके अतिरिक्त नियम 105 के अंतर्गत दी गई सूचनाओं के उत्तर सदन के पटल पर रखे गए तथा प्राप्त याचिकाओं को याचिका समिति को संदर्भित किया गया।
सदन की कार्यवाही स्थगित
कार्यवाही के अंत में अधिष्ठाता डॉ. महेंद्र कुमार सिंह ने सदन को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
14 लाख शिक्षकों को मिलेगा कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ
सत्र के दौरान शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने का मुद्दा उठाया।
इस पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने स्पष्ट किया कि वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन एवं अन्य सुविधाएं संबंधित प्रबंधन तंत्र द्वारा अपने स्रोतों से प्रदान की जाएंगी।
शिक्षक दिवस पर बड़ी घोषणा
मंत्री ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने की घोषणा की गई है।
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बेसिक शिक्षा विभाग:
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लगभग 10.92 लाख शिक्षक होंगे लाभान्वित
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अनुमानित खर्च: 350 करोड़ रुपये
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माध्यमिक शिक्षा विभाग:
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लगभग 3 लाख शिक्षक शामिल
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अनुमानित खर्च: 90 करोड़ रुपये
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इस योजना के लागू होने से प्रदेश के करीब 14 लाख शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का सीधा लाभ मिलेगा, जिससे शिक्षकों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
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