अगर आपकी उम्र करीब 35 साल है, आप सैलरी वाली नौकरी करते हैं और आपके एक या दो बच्चे हैं, तो आपकी जिंदगी इस समय ईएमआई, स्कूल फीस, घरेलू खर्च और भविष्य की प्लानिंग के बीच चल रही होगी। ऐसे में एक सवाल बार-बार उठता है—
अब बचत शुरू करनी चाहिए, लेकिन पैसा कहां लगाएं?
भारत में इस उम्र के ज्यादातर परिवार दो सुरक्षित निवेश विकल्पों पर भरोसा करते हैं—
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)।
दोनों सुरक्षित हैं, लेकिन रिटर्न, टैक्स और लॉन्ग-टर्म असर के मामले में इनमें बड़ा अंतर है।
तो सवाल यह है—
बच्चों के भविष्य और रिटायरमेंट के लिए PPF बेहतर है या FD?
PPF और Fixed Deposit की मौजूदा ब्याज दरें
वर्तमान में PPF पर लगभग 7.1% सालाना ब्याज मिलता है। यह दर सरकार द्वारा तय की जाती है और हर तिमाही इसकी समीक्षा होती है। पिछले कई क्वार्टर से यह दर स्थिर बनी हुई है।
वहीं दूसरी ओर, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें अवधि के अनुसार बदलती हैं।
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बड़े बैंक आमतौर पर 1 से 3 साल की FD पर 6.25% से 6.45% तक ब्याज दे रहे हैं
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कुछ छोटे बैंक या विशेष योजनाएं 7% से अधिक का रिटर्न भी ऑफर कर रही हैं
कागज पर देखने पर FD की ब्याज दर PPF से ज्यादा लग सकती है, लेकिन असल फर्क टैक्स के बाद सामने आता है।
टैक्स का फर्क, जो पूरा गणित बदल देता है
PPF का सबसे बड़ा फायदा इसका EEE स्टेटस है—
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निवेश पर टैक्स छूट
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मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री
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मैच्योरिटी पर भी कोई टैक्स नहीं
दूसरी ओर, फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है।
FD से मिलने वाला ब्याज आपकी सालाना आय में जुड़ता है और उसी के अनुसार टैक्स लगता है।
अगर आप 20% या 30% टैक्स स्लैब में आते हैं, तो टैक्स कटने के बाद FD का वास्तविक रिटर्न काफी कम हो जाता है।
लंबी अवधि में यही अंतर 10–15 साल में लाखों रुपये का फर्क पैदा कर सकता है।
बच्चों के भविष्य के लिए कौन-सा बेहतर?
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PPF
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बच्चों की उच्च शिक्षा
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लॉन्ग-टर्म सेविंग
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टैक्स-फ्री ग्रोथ
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रिटायरमेंट प्लानिंग
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Fixed Deposit
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शॉर्ट-टर्म जरूरतें
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इमरजेंसी फंड
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बेहतर लिक्विडिटी
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निश्चित अवधि में पैसा चाहिए तो उपयोगी
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निष्कर्ष: समझदारी इसी में है
अगर आपका लक्ष्य बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना और टैक्स-फ्री लॉन्ग-टर्म फंड बनाना है, तो PPF ज्यादा बेहतर विकल्प है।
वहीं, अगर आपको कभी भी पैसा निकालने की जरूरत पड़ सकती है, तो FD को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सबसे सही रणनीति यह हो सकती है कि—
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लॉन्ग-टर्म गोल्स के लिए PPF
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शॉर्ट-टर्म जरूरतों और इमरजेंसी के लिए FD
दोनों का संतुलित इस्तेमाल किया जाए।