मानदेय वृद्धि और स्थानांतरण में देरी पर भड़के शिक्षामित्र, 5 जनवरी को निदेशालय घेराव की चेतावनी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने मानदेय वृद्धि, स्थानांतरण प्रक्रिया की शुरुआत और कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू न होने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। संघ ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा की गई घोषणाएँ जमीन पर लागू नहीं हो रही हैं, जिससे शिक्षामित्र आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसी क्रम में संघ ने दिसंबर माह में स्थानांतरण आदेश जारी न होने की स्थिति में आगामी 5 जनवरी को निदेशालय के घेराव की चेतावनी दी है।
रविवार को आयोजित कार्यशाला में प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला और महामंत्री सुशील कुमार ने कहा कि हजारों शिक्षामित्र आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद मानदेय बढ़ोतरी की मांग पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आर्थिक संकट कम करने के लिए किए गए वादों पर अब तत्काल अमल जरूरी है।बैठक में उपस्थित शिक्षामित्रों ने कहा कि वे सरकार द्वारा सौंपे गए सभी दायित्वों—शिक्षण कार्य से लेकर डीएमआर सेवा जैसे महत्वपूर्ण कार्य—पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें न तो मानदेय वृद्धि का लाभ मिला है और न ही वादा की गई कैशलेस चिकित्सा योजना की कोई अधिसूचना जारी हुई है।
प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दिसंबर माह के भीतर स्थानांतरण से संबंधित आदेश जारी नहीं किए गए, तो शिक्षामित्र 5 जनवरी को निदेशालय का घेराव करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पूर्व मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर प्रतीकात्मक विरोध के रूप में की जाएगी।
संघ की मांग है कि—
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शिक्षामित्रों का मानदेय तत्काल बढ़ाया जाए,
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स्थानांतरण प्रक्रिया बिना देरी शुरू की जाए,
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कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा पर आदेश जारी कर इसे लागू किया जाए।
शिक्षामित्रों ने स्पष्ट किया कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।