सरकार ने अभ्यर्थी से ही करीब 400 करोड़ लूट लिए : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

साथ ही साढ़े  3 साल से शारीरिक मानसिक और आर्थिक शोषण अलग से।
मित्रो अगर हमारी नियुक्ति बिना किसी विवाद के साढ़े तीन साल पहले हो गयी होती तो आज हम सभी को वेतन के रूप में लगभग 11 लाख रुपये मिल चुके होते।
पहला वेतन जो प्राथमिक विद्यालय में अध्यापकों के खाते में आयेगा वो 28 हज़ार 800 कुछ रुपये होगा। मतलब लगभग 29 हज़ार।
अब 29 हज़ार के हिसाब से 3 साल (36 महीने) का वेतन हुआ 10,44,000 Rs. (10 लाख 44 हज़ार रुपये)
और प्रशिक्षण के दौरान 6 महीने मिलने वाले 7,300 रुपये को भी दें तो 6 महीने का वेतन हुआ 43,800 रुपये।
कुल मिलाकर साढ़े 3 साल का वेतन हुआ 10,87,800 रुपये। (10 लाख 87 हज़ार 800 रुपये)
मतलब एक चयनित अभ्यर्थी को 10 लाख 87 हज़ार 800 रुपये का नुकसान हुआ है।
अब अगर इसे सभी 72,825 के हिसाब से देखे तो ये सफ़ेद धन 79,21,90,35,000 रुपये।
यानि आज 72,825 लोगों का वेतन 79 अरब 21 करोड़ 90 लाख 35 हज़ार रुपये का हुआ है।
अब सोचिये सरकार को आज तक हम लोगों को लगभग 80 अरब रुपये का भुगतान करना पड़ता। जो की उसका बच गया, बल्कि उसने अकेडमिक के नाम पर हम लोगों से ही करीब 400 करोड़ लूट लिए।

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