‘बहाल नहीं किया तो जाऊंगा कोर्ट’
लखनऊ (ब्यूरो)। बर्खास्त प्रशिक्षु शिक्षक शिवकुमार पाठक अपनी बर्खास्तगी को शासन के गुस्से की गाज मान रहे हैं। उनका तर्क है कि वह हर बार छुट्टी लेकर कोर्ट केस की सुनवाई के लिए गए। खंड शिक्षाधिकारी से छुट्टी की लिखित अनुमति ली है जिसके सुबूत उसके पास है। पाठक ने बताया कि उसे बहाल करने की सूचना अभी तक नहीं है। यदि जल्द ही उसे बहाल नहीं किया जाता है तो वह कोर्ट की शरण लेगा। बीते 13 अगस्त को बर्खास्त किया गया प्रशिक्षु शिक्षक शिव कुमार अफसरों और नेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के दो दिन पहले आए हाईकोर्ट के फैसले का मुख्य पक्षकार भी है। इसके अलावा बर्खास्त प्रशिक्षु शिक्षक ही टीईटी अभ्यर्थियों की सुप्रीम कोर्ट तक चली लड़ाई का वादी भी है।
छुट्टी लेकर गया फिर क्यों किया टर्मिनेट : शिवकुमार
बीएसए ने कहा, नौकरी करोगे या पैरवी
बर्खास्त किए गए प्रशिक्षु शिक्षक पर सुप्रीम कोर्ट की ओर शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक के बाद दबाव और बढ़ गया था। शासन के दबाव में बीएसए ने प्रशिक्षु शिक्षक को साफ कह दिया था कि नौकरी करोगे कि पैरवी। प्रशिक्षु शिक्षक शिव कुमार पाठक से फोन पर बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर हुई कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया। प्रदेशस्तर के कुछ शिक्षामित्र नेताओं की ओर से भी फोन आने लगे कि अब पैरवी न करो नहीं तो नौकरी नहीं करने देंगे। वे लोग बड़े नेताओं का नाम लेकर धमकी दे रहे थे। मैं झुका नहीं और बर्खास्तगी हो गई। बीएसए ने साफ कहा कि अब मामला उनके स्तर का नहीं है। शासन का मामला है।
लखनऊ (ब्यूरो)। बर्खास्त प्रशिक्षु शिक्षक शिवकुमार पाठक अपनी बर्खास्तगी को शासन के गुस्से की गाज मान रहे हैं। उनका तर्क है कि वह हर बार छुट्टी लेकर कोर्ट केस की सुनवाई के लिए गए। खंड शिक्षाधिकारी से छुट्टी की लिखित अनुमति ली है जिसके सुबूत उसके पास है। पाठक ने बताया कि उसे बहाल करने की सूचना अभी तक नहीं है। यदि जल्द ही उसे बहाल नहीं किया जाता है तो वह कोर्ट की शरण लेगा। बीते 13 अगस्त को बर्खास्त किया गया प्रशिक्षु शिक्षक शिव कुमार अफसरों और नेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के दो दिन पहले आए हाईकोर्ट के फैसले का मुख्य पक्षकार भी है। इसके अलावा बर्खास्त प्रशिक्षु शिक्षक ही टीईटी अभ्यर्थियों की सुप्रीम कोर्ट तक चली लड़ाई का वादी भी है।
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बीएसए ने कहा, नौकरी करोगे या पैरवी
बर्खास्त किए गए प्रशिक्षु शिक्षक पर सुप्रीम कोर्ट की ओर शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक के बाद दबाव और बढ़ गया था। शासन के दबाव में बीएसए ने प्रशिक्षु शिक्षक को साफ कह दिया था कि नौकरी करोगे कि पैरवी। प्रशिक्षु शिक्षक शिव कुमार पाठक से फोन पर बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर हुई कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया। प्रदेशस्तर के कुछ शिक्षामित्र नेताओं की ओर से भी फोन आने लगे कि अब पैरवी न करो नहीं तो नौकरी नहीं करने देंगे। वे लोग बड़े नेताओं का नाम लेकर धमकी दे रहे थे। मैं झुका नहीं और बर्खास्तगी हो गई। बीएसए ने साफ कहा कि अब मामला उनके स्तर का नहीं है। शासन का मामला है।
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