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बर्खास्तगी को लेकर शिक्षा महकमे में हड़कंप : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

सुल्तानपुर। बर्खास्त प्रशिक्षु शिक्षक शिवकुमार पाठक अपनी बर्खास्तगी को शासन के गुस्से की गाज मान रहे हैं। उनका तर्क है कि वह हर बार छुट्टी लेकर कोर्ट केस की सुनवाई के लिए गए। खंड शिक्षाधिकारी से छुट्टी की लिखित अनुमति ली है जिसके सारा सुबूत उसके पास है। पाठक ने बताया कि उसे बहाल करने की सूचना अभी तक नहीं है। यदि जल्द ही उसे बहाल नहीं किया जाता है तो वह कोर्ट की शरण लेगा।
बीते 13 अगस्त को बर्खास्त किया गया प्रशिक्षु शिक्षक अफसरों और नेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के दो दिन पहले आए हाई कोर्ट के फैसले का मुख्य पक्षकार भी है। इसके अलावा बर्खास्त प्रशिक्षु शिक्षक ही टीईटी अभ्यर्थियों की सुप्रीम कोर्ट तक चली लड़ाई का वादी भी है।

जिले के लंभुआ तहसील के निवासी शिव कुमार पाठक प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कोर्ट केस में मुख्य पक्षकार हैं और उन्होंने ने हीे टीईटी संघर्ष मोर्चा बनाया है। शासन से शुरू हुई प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में उसे लंभुआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पांडेयपुर में नियुक्ति मिली थी। उसका सैद्घांतिक प्रशिक्षण ब्लॉक संसाधन केंद्र लंभुआ में चल रहा है। कोर्ट केस में सुनवाई के दौरान उसे छुट्टी लेनी पड़ती थी। खंड शिक्षाधिकारी लंभुआ की अनुपस्थिति की रिपोर्ट पर बीएसए ने बीते 13 अगस्त को प्रशिक्षु शिक्षक शिव कुमार पाठक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। बीएसए ने चार चरण में 12 दिन के प्रशिक्षण से अनुपस्थित रहने के आरोप पर यह कार्रवाई की थी। शिव कुमार पाठक की एक अन्य याचिका पर हाईकोर्ट ने बीते 18 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला सुनाया जिसमें अधिकारी-कर्मचारी व राजनेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए कानून बनाए जाने का फैसला हुआ है।

शिव कुमार पाठक की बर्खास्तगी का मामला गुरुवार को शिक्षा महकमे से लेकर शासन तक छाया रहा।

जल्दबाजी में लिया गया बर्खास्तगी का निर्णय

शिक्षा महकमे के ही एक अधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इतनी जल्दी किसी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता है। ट्रेनिंग के दौरान अनुपस्थित रहने वाले प्रशिक्षु की ट्रेनिंग अवधि बढ़ाई जा सकती थी। उसे बर्खास्तगी के पहले आरोप पत्र दिया जाना चाहिए था। उसके जवाब के बाद ही बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई होनी चाहिए थी।

कई दिनों से गैरहाजिर रहने पर कार्रवाई : बीएसए

बीएसए रमेश यादव ने बताया कि प्रशिक्षु शिक्षकों की ट्रेनिंग के दौरान छुट्टी का प्रावधान नहीं है। सैद्घांतिक प्रशिक्षण के दौरान शिव कुमार पाठक चार बार में 12 दिन अनुपस्थित पाया गया था। यह कृत्य कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों के प्रति लापरवाही की श्रेणी में आता है। खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर प्रशिक्षु शिक्षक की तैनाती का आदेश बीते 13 अगस्त को निरस्त कर दिया गया है।

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