बदलाव : जागरण संवाददाता, मैनपुरी : अब केवल शिक्षक ही विद्यालय में बच्चों को नहीं
पढ़ाएंगे, बल्कि अधिकारी भी स्कूलों में शिक्षण कार्य करेंगे। शिक्षा
विभाग से जुड़े अफसरों को अब दो से तीन घंटे प्रत्येक स्कूल में पढ़ाना
होगा। शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए विद्यालय में एक मूल्यांकन प्रोफाइल
भी तैयार की जाएगी।
इस पर स्कूल की शैक्षणिक स्थिति दर्ज की जाएगी। परिषदीय स्कूलों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर यह फैसला किया गया है। अभी तक शिक्षाधिकारी स्कूलों में केवल शिक्षकों की उपस्थिति और अनुपस्थिति की जांच ही करते थे, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। एबीएसए, बीआरसी, एबीआरसी, एनपीआरसी, जिला समन्वयक और ब्लॉक समन्वयकों को प्रतिदिन किसी स्कूल में दो से तीन घंटे बच्चों को पढ़ाना होगा। अधिकारी इस दौरान भाषा और गणित विषय पर अधिक जोर देंगे। बच्चों का लेखन कार्य और उनकी हंिदूी की भाषा शुद्ध कराने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। विद्यालय में तैयार होने वाली मूल्यांकन प्रोफाइल पर निरीक्षण के दौरान मिली कमियां, उसमें सुधार के प्रयास, मिड-डे मील, बच्चों की संख्या, यूनिफॉर्म, छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तकों का वितरण आदि का लेखा-जोखा दर्ज किया जाएगा।परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुधारने के लिए शासन सख्त हो गया है। अब अधिकारी भी स्कूलों में पहुंचकर शिक्षण कार्य देखेंगे। लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हरकेश यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।
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इस पर स्कूल की शैक्षणिक स्थिति दर्ज की जाएगी। परिषदीय स्कूलों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर यह फैसला किया गया है। अभी तक शिक्षाधिकारी स्कूलों में केवल शिक्षकों की उपस्थिति और अनुपस्थिति की जांच ही करते थे, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। एबीएसए, बीआरसी, एबीआरसी, एनपीआरसी, जिला समन्वयक और ब्लॉक समन्वयकों को प्रतिदिन किसी स्कूल में दो से तीन घंटे बच्चों को पढ़ाना होगा। अधिकारी इस दौरान भाषा और गणित विषय पर अधिक जोर देंगे। बच्चों का लेखन कार्य और उनकी हंिदूी की भाषा शुद्ध कराने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। विद्यालय में तैयार होने वाली मूल्यांकन प्रोफाइल पर निरीक्षण के दौरान मिली कमियां, उसमें सुधार के प्रयास, मिड-डे मील, बच्चों की संख्या, यूनिफॉर्म, छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तकों का वितरण आदि का लेखा-जोखा दर्ज किया जाएगा।परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुधारने के लिए शासन सख्त हो गया है। अब अधिकारी भी स्कूलों में पहुंचकर शिक्षण कार्य देखेंगे। लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। हरकेश यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।
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