यूपी बोर्ड में परीक्षक सिर्फ हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं ही नहीं जांचेंगे बल्कि उनकी गलतियां भी सुधारेंगे। स्पष्ट निर्देश है कि यदि परीक्षार्थी ने अज्ञानता के कारण गलती की है तो उसे कॉपी पर शुद्ध कर दिया जाए।
एक दिन में हाईस्कूल में 50 एवं इंटर में 45 उत्तर पुस्तिकाओं का परीक्षक मूल्यांकन
करेंगे। यदि यह संख्या उन्हें अधिक लगती है तो उन्हें कम उत्तर पुस्तिकाएं दी जाएं। ऐसे ही यदि कोई कोई प्रश्न का जवाब काट दिया गया हो और वह उत्तर सही हो तब भी उसका मूल्यांकन किया जाए। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य 30 मार्च से शुरू होना है। इसके लिए मूल्यांकन केंद्र व परीक्षक आदि तय हो चुके हैं। अब उन्हें मूल्यांकन निर्देश दिए जा रहे हैं।
यूपी बोर्ड की निर्देश पुस्तिका में कहा गया है कि यदि अज्ञानता के कारण परीक्षार्थी प्रश्नोत्तरों में प्रश्नपत्र में दी गई प्रश्न संख्या लिखने की जगह स्वेच्छा से अपनी क्रम संख्या लिख देता है तो परीक्षक उत्तर पुस्तक में प्रश्न संख्या प्रश्नपत्र के अनुसार शुद्ध कर देंगे। हर परीक्षक को मूल्यांकन निर्देश के साथ ही उत्तरमाला व हल प्रश्नपत्र भी मुहैया कराया जाएगा। यह भी कहा गया है कि हाईस्कूल व इंटर के परीक्षकों को तय कॉपियां एक साथ आवंटित नहीं होंगी, बल्कि दोनों पालियों में रह-रहकर वितरित की जाएंगी। वहीं, उप प्रधान परीक्षक हर दिन दस-दस कॉपियों का निरीक्षण करके हस्ताक्षर करेंगे और यदि कोई त्रुटि हुई है तो उसका निराकरण करेंगे।
बरेली और वाराणसी की बैठक : यूपी बोर्ड मुख्यालय पर मंगलवार को बरेली और वाराणसी परिक्षेत्र के तहत आने वाले जिलों की बैठक हुई। इसमें भी क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव, सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों, जिला विद्यालय निरीक्षक एवं अन्य को मूल्यांकन के संबंध में विस्तार से निर्देश दिए गए।
कहा गया कि कार्य में किसी तरह की ढिलाई न बरती जाए, अन्यथा कठोर कार्रवाई होगी। निर्देशों और नियमों से कहीं समझौता न किया जाए। यहां पर परिषद की सचिव शैल यादव, अपर सचिव शिव लाल आदि मौजूद थे।
कार्य बहिष्कार के आसार नहीं : पिछले वर्ष में यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों को भुगतान न होने के कारण कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम देने वाले संगठन अब थोड़ा नरम हो गए हैं। इसकी वजह शासन ने भुगतान के लिए काफी धन जारी किया है। इस दिशा में मंगलवार को भी प्रयास जारी रहे। माना जा रहा है कि जल्द ही शिक्षक संगठन इस संबंध में निर्णय जारी करेंगे। बताते हैं कि सात करोड़ रुपया शासन ने कुछ दिन पहले जारी किया है और 14 करोड़ और जारी होने के प्रयास हुए। सूत्रों की मानें तो इसमें भी अफसरों को काफी हद तक सफलता मिली है।
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एक दिन में हाईस्कूल में 50 एवं इंटर में 45 उत्तर पुस्तिकाओं का परीक्षक मूल्यांकन
करेंगे। यदि यह संख्या उन्हें अधिक लगती है तो उन्हें कम उत्तर पुस्तिकाएं दी जाएं। ऐसे ही यदि कोई कोई प्रश्न का जवाब काट दिया गया हो और वह उत्तर सही हो तब भी उसका मूल्यांकन किया जाए। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य 30 मार्च से शुरू होना है। इसके लिए मूल्यांकन केंद्र व परीक्षक आदि तय हो चुके हैं। अब उन्हें मूल्यांकन निर्देश दिए जा रहे हैं।
यूपी बोर्ड की निर्देश पुस्तिका में कहा गया है कि यदि अज्ञानता के कारण परीक्षार्थी प्रश्नोत्तरों में प्रश्नपत्र में दी गई प्रश्न संख्या लिखने की जगह स्वेच्छा से अपनी क्रम संख्या लिख देता है तो परीक्षक उत्तर पुस्तक में प्रश्न संख्या प्रश्नपत्र के अनुसार शुद्ध कर देंगे। हर परीक्षक को मूल्यांकन निर्देश के साथ ही उत्तरमाला व हल प्रश्नपत्र भी मुहैया कराया जाएगा। यह भी कहा गया है कि हाईस्कूल व इंटर के परीक्षकों को तय कॉपियां एक साथ आवंटित नहीं होंगी, बल्कि दोनों पालियों में रह-रहकर वितरित की जाएंगी। वहीं, उप प्रधान परीक्षक हर दिन दस-दस कॉपियों का निरीक्षण करके हस्ताक्षर करेंगे और यदि कोई त्रुटि हुई है तो उसका निराकरण करेंगे।
बरेली और वाराणसी की बैठक : यूपी बोर्ड मुख्यालय पर मंगलवार को बरेली और वाराणसी परिक्षेत्र के तहत आने वाले जिलों की बैठक हुई। इसमें भी क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव, सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों, जिला विद्यालय निरीक्षक एवं अन्य को मूल्यांकन के संबंध में विस्तार से निर्देश दिए गए।
कहा गया कि कार्य में किसी तरह की ढिलाई न बरती जाए, अन्यथा कठोर कार्रवाई होगी। निर्देशों और नियमों से कहीं समझौता न किया जाए। यहां पर परिषद की सचिव शैल यादव, अपर सचिव शिव लाल आदि मौजूद थे।
कार्य बहिष्कार के आसार नहीं : पिछले वर्ष में यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों को भुगतान न होने के कारण कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम देने वाले संगठन अब थोड़ा नरम हो गए हैं। इसकी वजह शासन ने भुगतान के लिए काफी धन जारी किया है। इस दिशा में मंगलवार को भी प्रयास जारी रहे। माना जा रहा है कि जल्द ही शिक्षक संगठन इस संबंध में निर्णय जारी करेंगे। बताते हैं कि सात करोड़ रुपया शासन ने कुछ दिन पहले जारी किया है और 14 करोड़ और जारी होने के प्रयास हुए। सूत्रों की मानें तो इसमें भी अफसरों को काफी हद तक सफलता मिली है।
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