शिक्षा के अधिकार कानून के तहत गरीब और अलाभित समूह के बच्चों को सरकार अब
उनके मनचाहे स्कूल में दाखिला दिलाएगी। हाई कोर्ट के सख्त रवैये को देखते
हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस बारे में
शासनादेश जारी कर दिया है।
1नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12(1)(सी) में प्रावधान है कि निजी स्कूलों को पहली कक्षा की 25 प्रतिशत सीटों पर दुर्लभ और अलाभित समूहों के बच्चों को प्रवेश देना होगा। गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले के लिए अभी तक प्रदेश में यह व्यवस्था है कि अभिभावक की ओर से इस बारे में आवेदन मिलने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पहले उन्हें पड़ोस के राजकीय/परिषदीय स्कूल में दाखिला दिलाते हैं।
राजकीय/परिषदीय परिषदीय स्कूलों में सीटें भर जाने पर गरीब बच्चे का दाखिला सहायताप्राप्त स्कूल में कराया जाता है। यदि सहायताप्राप्त स्कूल में भी सीटें भर जाती हैं तो बच्चे को निजी स्कूल में प्रवेश दिलाया जाता है।
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राजकीय/परिषदीय परिषदीय स्कूलों में सीटें भर जाने पर गरीब बच्चे का दाखिला सहायताप्राप्त स्कूल में कराया जाता है। यदि सहायताप्राप्त स्कूल में भी सीटें भर जाती हैं तो बच्चे को निजी स्कूल में प्रवेश दिलाया जाता है।
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