कानपुर, जागरण संवाददाता : माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अप्रैल से विद्यालयों में सत्र परिवर्तन का जो निर्णय लिया, वह उचित नहीं है। इसके लिए तो अभिभावक भी तैयार नहीं हैं। उनमें जागरूकता की कमी की वजह से प्रवेश भी कम हो रहे हैं।
यह बात एमएलसी व पूर्व निदेशक माध्यमिक शिक्षा वासुदेव यादव ने पत्रकारों से वार्ता में कही। वह बुधवार को यूपी एजूकेशनल मिनिस्ट्रियल आफीसर्स एसोसिएशन के 46वें प्रांतीय द्विवार्षिक अधिवेशन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने आए थे।- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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उन्होंने कहा कि अप्रैल के बजाय दोबारा सत्र जुलाई से ही हो, इसके लिए माध्यमिक शिक्षामंत्री से बात करेंगे। सरकारी विद्यालयों की बदहाली को लेकर उन्होंने कहा विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जाना चाहिए। इसी तरह शिक्षा की गुणवत्ता के सवाल पर बोले विभागीय अफसरों से गुणवत्ता संबंधी फीडबैक को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। तब स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। बेसिक शिक्षा के संबंध में उन्होंने कहा विभाग पहले ही बच्चों को मिड डे मील, फल आदि मुहैया करा रहा था। अब सीएम ने बैग देने की बात भी कही है। मुख्य अतिथि ने मेरठ के एथलीट विवेक यादव व प्रांतीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी मौजूद रहे। अध्यक्षता संयुक्त शिक्षा निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने की। स्वागत प्रधानाचार्य डा.अंगद सिंह व धन्यवाद डा.प्रेमपाल राणा ने और संचालन प्रदेश महामंत्री श्याम सुंदर तिवारी ने किया। वहीं शाम के सत्र में चुनावी प्रक्रिया शुरू की गई। कार्यक्रम में डीआईओएस मुहम्मद इब्राहिम, बीएसए प्रदीप द्विवेदी, रजनीश श्रीवास्तव, अजय गुप्त, कमल उत्तम, सत्येंद्र मिश्र मौजूद रहे।
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