शिक्षामित्रों के सबसे पहले केस का आखरी केस से सम्बन्ध

शिक्षामित्रों के सबसे पहले केस का आखरी केस से सम्बन्ध
आज शिक्षमित्रों के आखरी केस को जिताने के लिए 2001 के एक पत्र  को आधार बताया गया।
ऐसे में हमें शिक्षमित्र मामले के लगभग 400 केसेस में सबसे पहले केस की याद आ गई ये केस हाई कोर्ट में 2001 में दाखिल हुआ और फैसला 2006 में आया।
⚖आइये इस केस के महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हैं।

✍🏼माननीय न्यायाधीश महोदय ने केस पर जो टिप्पणी की वो बहुत महत्त्वपूर्ण है।
जज साहब ने अपनी बात शुरू करते हुए लिखा:-
"सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाएं  अव्यक्त रूप से राजनीतिक होती हैं।और वास्तव में कम या बहुत कम ही सामाजिक उद्देश्य के लिए तैयार की जाती हैं। ऐसी योजनाओं के वास्तविक उद्देश्य के साथ छिपे हुए उद्देश्य भारी मुकदमेबाजी और अलग-अलग समस्याएं पैदा करती हैं।
 'शिक्षा मित्रा' योजना एक ऐसी योजना है जिसे यूपी राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया है, प्राथमिक स्तर पर शिक्षा की जरूरत को पूरा करने के लिए संवैधानिक जनादेश को आगे बढ़ाने के लिए लागू किया गया है"
✍🏼अब आप समझ ही गए होंगे कि आज के सुप्रीम कोर्ट के मुकद्दमे की भूमिका इस पहले मुकद्दमे में तै कर दी गई थी। और इस मुक़दमे का फैसला भी शिक्षामित्र के पक्ष में ही आया था और आखरी मुक़दमे यानी सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी शिक्षामित्रों के पक्ष में ही आएगा।
..............................शेष कल
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।

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