शिक्षा मित्रों पर तीखे व्यंग शुरू हुए 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से बाहर रहने की न्यूज़ पर

शिक्षा मित्रों पर तीखे व्यंग शुरू हुए 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से बाहर रहने की न्यूज़ पर  -
अगर  न्यायलय ने फैसला नियमो के आधार पर दिया तो शिक्षा मित्रों की विदाई तय है, लेकिन् दया सहानुभूति के आधार पर व् बड़ी तादाद को देखते हुए फैसला दिया तो फिर कुछ राहत संभव है

हालाँकि शिक्षा मित्र खेमा अदालत में रोनी सूरत वाली न्यूज़ से निराश है, और यह न्यूज़ दया व् सहानुभूति की आशा को कम करती है,
टेट पास धारियों की संख्या भी 4 लाख के करीब है, हर साल CTET / UPTET पास करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
यहाँ मसला सिर्फ शिक्षा मित्रों की जॉब का नहीं है, महत्वपूर्ण मसला बच्चों के भविष्य को लेकर है और RTE की गाइड लाइंस  बेहतर क्वालिफाइड  शिक्षकों द्वारा शिक्षा देने को लेकर हैं और RTE /NCTE GUIDELINES के अनुरूप योग्य शिक्षक भारी तादाद में मौजूद भी है, ऊपर से इलाहबाद हाई कोर्ट का फैसला शिक्षा मित्रों के खिलाफ है, और ऐसा बहुत कम ही होता है की हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हो
दूसरा कोर्ट बच्चों की बेहतर शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर है , इसलिए  उम्मीद कम है शिक्षा मित्रों के पास ।
ये हो सकता है कि कोर्ट राज्य सरकार को निर्देश दे की शिक्षा मित्रों को सहानुभूति पूर्वक मिड डे मील वितरण जैसे किसी काम  में टेम्परेरी रोजगार दे दे , जिस से रोजी रोटी चलती रहे

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