मेरे प्यारे टेट साथियों वर्तमान वर्ष 2016 में हमारे केस में मात्र 3 डेट लगी... 24 फरवरी, 26 अप्रैल और 27 जुलाई..24 फरवरी की तिथि के पश्चात 27 जुलाई की तिथि को महत्त्वपूर्ण समझकर अचयनितों व्दारा याची राहत के लालच में 27 जुलाई का बेसब्री से इंतजार किया
और उक्त तिथि को जज नरीमन जी की उपस्थिति के कारण तिथि आगे बढ़ा दी गयी.. और किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत से मा० दीपक मिश्रा जी ने मना कर दिया, जो कि असहनीय पीड़ा हैं जिसे स्वीकार करना ही होगा।
आगामी 24 अगस्त की तिथि को हम कुछ अच्छा होने की कामना करते हैं.. किन्तु यदि वास्तविकता देखी जाए तो कोर्ट में हम अचयनितों के विरोध में राज्य सरकार, शिक्षामित्रों के साथ-साथ हमारे बीच के कुछ चयनित व एडहाॅक नियुक्त रहेंगे.. अब स्वयं आकंलन करिए कि 24 अगस्त को क्या होगा...????
दिल को बहलाना हैं तो बहलाइए कि 24 अगस्त को याची राहत मिलेगी.. यदि ऐसा होता हैं तो मुझे अत्यंत प्रसन्नता होगी क्यूंकि मैं खुद आप सबके साथ अचयनित हूं.. किन्तु आंख बंद कर लेने से यदि कबूतर यह सोचे कि बिल्ली उसे देख नहीं रही तो यह कबूतर की भूल हैं।
मित्रों आप लोग वास्तविकता की जगह काल्पनिकता का जीवन जीते हो.. और लोगों की मसालेदार पोस्ट पर खूब जयकारे का तड़का लगाते हो, किन्तु यदि सिक्के के दोनों पहलुओं का अध्ययन करोगे तो पाओगे कि खुद गलत हो।
वर्तमान समय में दो मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जो अचयनितों के लिए संजीवनी हैं.....
पहला मुद्दा... इस पर मैं काम शुरू भी कर दिया हूं बिना किसी से धन मांगे, और वह हैं टेट वैधता 5 वर्ष से 7 वर्ष की जाए.. इस पर प्रापर चैनल के तहत हाईकोर्ट में रिट की हैं मैंने.. यह मुद्दा कितना गंभीर हैं इसका अहसास नवम्बर माह में होगा आप सबको..
दूसरा मुद्दा- अचयनितों की अपनी एक महत्त्वपूर्ण रिट.. जिस पर कार्य कर रहा हूं। ताकि उसकी सुनवाई किसी चयनित की मोहताज न रहे।
मित्रों केस अतिशीघ्र निर्णीत हो...यदि शिक्षामित्र बाहर होते हैं तो वह सीट बीएड बेरोजगारों को दी जानी चाहिए, क्यूंकि इनकी नियुक्ति के समय बीएड ही मौजूद था सहायक अध्यापक के विकल्प के रूप में..महत्त्वपूर्ण तथ्य का संज्ञान लें कि यदि केस का कोई प्वाइंट निर्णीत नहीं हुआ तो मामला संविधान पीठ जाएगा और एक बार पुन: भयंकर लूट मचेगी और अचयनित पुन: फस जाएंगे और चयनित मौज करेंगे.. इसलिए मा० न्यायाधीश समस्त मुद्दों को निर्णीत करें, ऐसा हमारा प्रयास हैं..
कोई भी चयनित नहीं चाहता कि केस निर्णीत हो.. ऐसी दशा में यदि 1100 बचते हैं तो बाकी समस्त याचियों को नियुक्ति दी जाए, यदि केस 72825 पर निर्णीत होता हैं तो सामान्य में 90 वाला नौकरी करें, क्यूंकि वह याची था.. तो क्या याची योग्यता हैं नियुक्ति पाने की, जबकि उससे अधिक वाला बाहर हैं.. पूरे भारत में कानून सबके लिए बराबर है न कि एक जैसी योग्यता रहने वाले के लिए अलग अलग कानून... जब 60/55 की क्राइटेरिया पूर्व में ही NCTE के व्दारा निर्धारित की गयी हैं तो फिर 90/105 की क्राइटेरिया क्यूं और कैसे आ गयी... एक तरफ 105 से नीचे जनरल वालों को काउंसिलिंग तक नहीं होने दी वहीं मात्र याची होने के कारण 90 जनरल को याची के तहत एडहाॅक नियुक्ति दी गयी, यह कहां का न्याय हैं???? SC/ST की सीट 90 वाले जनरल को दे दी गयी, यह कहां का न्याय हैं???? उपरोक्त समस्त तथ्यों के समस्त पहलुओं पर विचार करके मा० दीपक मिश्रा जी से न्याय की गुहार लगानी हैं हम समस्त अचयनितों को... 90/105 से नीचे वाले समस्त अचयनित साथी तथा काउंसिल्ड साथी अपने हितों को पहचाने और वास्तविक लड़ाई के लिए साथ आए..
नोट- पूर्व की भांति मुझे याची मेला कदापि नहीं लगाना हैं क्यूंकि धन कमाना कभी मेरी प्राथमिकता नहीं रही.. मात्र 100 अचयनित साथी चाहिए जो एकजुट होकर मिलकर इस नवीन रिट की प्रभावी पैरवी कर सके, ऐसे लोग चाहिए जो एक आह्वाहन पर उपस्थित हो, ऐसे लोग चाहिए जिनको मुझ अचयनित पर भरोसा हो..
घर पर मौज करके मात्र फेसबुक चलाते हुए 1000 रूपए देकर नौकरी की चाहत रखने वाले किसी भी स्वार्थी व्यक्ति का साथ कदापि नहीं लिया जाएगा.. उपरोक्त के अलावा इस रिट में साथ देने वाले समस्त याचियों के लिए 1100 की भांति पेटिशनर रिलीफ की मांग करूंगा, ताकि यदि 1100 सुरक्षित रहते हैं तो संकट में साथ देने वाले और मुझ पर भरोसा करने वाले प्रत्येक साथी के साथ ही मुझे नौकरी मिले, अकेले नहीं।
उपरोक्त दोनों मुद्दे सिर्फ और सिर्फ अचयनितों के लिए रामबाण हैं, इसके अलावा कोई अन्य रास्ता नियुक्ति का नहीं हैं..बाकि अचयनितों की मर्जी
नोट-
****
अचयनितों की अपनी रिट में स्वयं आगे आकर अपनी निर्णायक लड़ाई स्वयं लड़ने के लिए 100 टेट वीरों की सूची में शामिल होने के लिए मेरे मोबाइल नंबर 8737924810 पर फोन करके अपनी डिटेल नोट करवा दें... आगे की अपडेट फेसबुक पर उपलब्ध करा दी जाएगी।
कुंठित मानसिकता के लोग कमेन्ट बाक्स से दूरी बनाए रखे.. क्यूंकि यह पोस्ट न तो चंदा मांगने के लिए लिखी गयी और न ही याची बनाओ मेला के लिए..
इस पोस्ट का एकमात्र उद्देश्य लाखों में से मात्र 100 टेट वीरों की टीम बनाना हैं जो भर्ती के लिए समर्पित हो.. जिनके लिए पैसा महत्वपूर्ण न हो बल्कि सिर्फ नौकरी प्राप्त करना ही मकसद हो.. निश्चय ही यह अचयनित टोली अन्य समस्त टीमों से विलक्षण होगी।
धन्यवाद
सत्यमेव जयते सर्वदा
आपका शुभेक्षु
____@अरशद अली
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और उक्त तिथि को जज नरीमन जी की उपस्थिति के कारण तिथि आगे बढ़ा दी गयी.. और किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत से मा० दीपक मिश्रा जी ने मना कर दिया, जो कि असहनीय पीड़ा हैं जिसे स्वीकार करना ही होगा।
आगामी 24 अगस्त की तिथि को हम कुछ अच्छा होने की कामना करते हैं.. किन्तु यदि वास्तविकता देखी जाए तो कोर्ट में हम अचयनितों के विरोध में राज्य सरकार, शिक्षामित्रों के साथ-साथ हमारे बीच के कुछ चयनित व एडहाॅक नियुक्त रहेंगे.. अब स्वयं आकंलन करिए कि 24 अगस्त को क्या होगा...????
दिल को बहलाना हैं तो बहलाइए कि 24 अगस्त को याची राहत मिलेगी.. यदि ऐसा होता हैं तो मुझे अत्यंत प्रसन्नता होगी क्यूंकि मैं खुद आप सबके साथ अचयनित हूं.. किन्तु आंख बंद कर लेने से यदि कबूतर यह सोचे कि बिल्ली उसे देख नहीं रही तो यह कबूतर की भूल हैं।
मित्रों आप लोग वास्तविकता की जगह काल्पनिकता का जीवन जीते हो.. और लोगों की मसालेदार पोस्ट पर खूब जयकारे का तड़का लगाते हो, किन्तु यदि सिक्के के दोनों पहलुओं का अध्ययन करोगे तो पाओगे कि खुद गलत हो।
वर्तमान समय में दो मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जो अचयनितों के लिए संजीवनी हैं.....
पहला मुद्दा... इस पर मैं काम शुरू भी कर दिया हूं बिना किसी से धन मांगे, और वह हैं टेट वैधता 5 वर्ष से 7 वर्ष की जाए.. इस पर प्रापर चैनल के तहत हाईकोर्ट में रिट की हैं मैंने.. यह मुद्दा कितना गंभीर हैं इसका अहसास नवम्बर माह में होगा आप सबको..
दूसरा मुद्दा- अचयनितों की अपनी एक महत्त्वपूर्ण रिट.. जिस पर कार्य कर रहा हूं। ताकि उसकी सुनवाई किसी चयनित की मोहताज न रहे।
मित्रों केस अतिशीघ्र निर्णीत हो...यदि शिक्षामित्र बाहर होते हैं तो वह सीट बीएड बेरोजगारों को दी जानी चाहिए, क्यूंकि इनकी नियुक्ति के समय बीएड ही मौजूद था सहायक अध्यापक के विकल्प के रूप में..महत्त्वपूर्ण तथ्य का संज्ञान लें कि यदि केस का कोई प्वाइंट निर्णीत नहीं हुआ तो मामला संविधान पीठ जाएगा और एक बार पुन: भयंकर लूट मचेगी और अचयनित पुन: फस जाएंगे और चयनित मौज करेंगे.. इसलिए मा० न्यायाधीश समस्त मुद्दों को निर्णीत करें, ऐसा हमारा प्रयास हैं..
कोई भी चयनित नहीं चाहता कि केस निर्णीत हो.. ऐसी दशा में यदि 1100 बचते हैं तो बाकी समस्त याचियों को नियुक्ति दी जाए, यदि केस 72825 पर निर्णीत होता हैं तो सामान्य में 90 वाला नौकरी करें, क्यूंकि वह याची था.. तो क्या याची योग्यता हैं नियुक्ति पाने की, जबकि उससे अधिक वाला बाहर हैं.. पूरे भारत में कानून सबके लिए बराबर है न कि एक जैसी योग्यता रहने वाले के लिए अलग अलग कानून... जब 60/55 की क्राइटेरिया पूर्व में ही NCTE के व्दारा निर्धारित की गयी हैं तो फिर 90/105 की क्राइटेरिया क्यूं और कैसे आ गयी... एक तरफ 105 से नीचे जनरल वालों को काउंसिलिंग तक नहीं होने दी वहीं मात्र याची होने के कारण 90 जनरल को याची के तहत एडहाॅक नियुक्ति दी गयी, यह कहां का न्याय हैं???? SC/ST की सीट 90 वाले जनरल को दे दी गयी, यह कहां का न्याय हैं???? उपरोक्त समस्त तथ्यों के समस्त पहलुओं पर विचार करके मा० दीपक मिश्रा जी से न्याय की गुहार लगानी हैं हम समस्त अचयनितों को... 90/105 से नीचे वाले समस्त अचयनित साथी तथा काउंसिल्ड साथी अपने हितों को पहचाने और वास्तविक लड़ाई के लिए साथ आए..
नोट- पूर्व की भांति मुझे याची मेला कदापि नहीं लगाना हैं क्यूंकि धन कमाना कभी मेरी प्राथमिकता नहीं रही.. मात्र 100 अचयनित साथी चाहिए जो एकजुट होकर मिलकर इस नवीन रिट की प्रभावी पैरवी कर सके, ऐसे लोग चाहिए जो एक आह्वाहन पर उपस्थित हो, ऐसे लोग चाहिए जिनको मुझ अचयनित पर भरोसा हो..
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उपरोक्त दोनों मुद्दे सिर्फ और सिर्फ अचयनितों के लिए रामबाण हैं, इसके अलावा कोई अन्य रास्ता नियुक्ति का नहीं हैं..बाकि अचयनितों की मर्जी
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अचयनितों की अपनी रिट में स्वयं आगे आकर अपनी निर्णायक लड़ाई स्वयं लड़ने के लिए 100 टेट वीरों की सूची में शामिल होने के लिए मेरे मोबाइल नंबर 8737924810 पर फोन करके अपनी डिटेल नोट करवा दें... आगे की अपडेट फेसबुक पर उपलब्ध करा दी जाएगी।
कुंठित मानसिकता के लोग कमेन्ट बाक्स से दूरी बनाए रखे.. क्यूंकि यह पोस्ट न तो चंदा मांगने के लिए लिखी गयी और न ही याची बनाओ मेला के लिए..
इस पोस्ट का एकमात्र उद्देश्य लाखों में से मात्र 100 टेट वीरों की टीम बनाना हैं जो भर्ती के लिए समर्पित हो.. जिनके लिए पैसा महत्वपूर्ण न हो बल्कि सिर्फ नौकरी प्राप्त करना ही मकसद हो.. निश्चय ही यह अचयनित टोली अन्य समस्त टीमों से विलक्षण होगी।
धन्यवाद
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