गुरुजी को फटकार लगाई तो होगी कार्रवाई

BAREILLY गुरुजी को सम्मान दिलाने के लिए सरकार आगे आई है। उसने जिले के सभी अधिकारियों को लेटर लिखकर गुरुजी के साथ शिष्टाचार और सम्मानजनक व्यवहार करने के निर्देश दिए हैं। इसके पीछे सरकार की मंशा शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाना है.

निरीक्षण के दौरान लगती है फटकार
मंडल या जिला स्तरीय अधिकारी गवर्नमेंट स्कूल्स के इंस्पेक्शन के दौरान स्टूडेंट्स से सवाल- जवाब करते हैं।
यूनिफॉर्म, एमडीएम की गुणवत्ता परखते हैं। कमी मिलने पर अधिकारी टीचर्स की फटकार लगाते हैं। स्टूडेंट्स के सामने ही टीचर्स को बुरा भला कहते हैं, जिससे टीचर्स का मनोबल गिरता है और वह मन लगाकर नहीं पढ़ा पाते हैं। इसका असर शैक्षिक गुणवत्ता पर पढ़ता है। शासन को टीचर्स के इस तरह के अपमान की शिकायतें मिलीं, तो उसने गुरुजी को सम्मान देने के बीड़ा उठाया। सचिव संजय सिन्हा ने कमिश्नर, डीएम और एसडीएम को लेटर लिखकर गुरुजी के साथ शिष्टाचार व्यवहार करने और सम्मान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उनकी जिम्मेदारी दी है कि वह सुनिश्चित करें कि मंडल और जिले में टीचर्स के साथ सम्माजनक व्यवहार हो रहा है या नहीं। सचिव ने कहा कि कोई अधिकारी टीचर का सम्मान नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें.
डांट तो लगनी ही लगनी है
संयुक्त सक्रिय शिक्षक/ शिक्षामित्र समिति के पदाधिकारी दुष्यंत सिंह ने कहा कि स्कूल में कितना भी अच्छा शैक्षिक स्तर हो। अधिकारियों ने निरीक्षण किया तो वह टीचर्स को स्टूडेंट्स के सामने फटकारेंगे ही। स्टूडेंट्स ने सही ढंग से किताबें पढ़ दीं, तो कहते हैं एमडीएम की गुणवत्ता सही नहीं है। बच्चे किताबें नहीं पढ़ सके, तो कहते हैं कि आप को कुछ आता नहीं है। दिनभर बैठकर आप गप्पे लड़ाती रहती हैं। शिक्षा के स्तर को सुधारने पर ध्यान दें, नहीं तो तबादला कर देंगे। वहीं, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष ई आगा ने बताया जब भी अधिकारी निरीक्षण पर आते हैं, तो वह शिक्षकों से कहते हैं कि पढ़ाई पर ध्यान दें, शैक्षिक गुणवत्ता सुधारें नहीं, तो उन्हें सस्पेंड करा दिया जाएगा। आप दिनभर हरामखोरी करते हैं। इस तरह के शब्द अधिकारी टीचर्स को फटकार लगाने में स्टूडेंट्स के सामने प्रयोग करते हैं। जिससे टीचर्स को अपमानित होना पड़ता है। उधर, टीचर्स ने कहा सरकार के इस कदम से शिक्षकों को सम्मान मिलेगा। साथ ही शैक्षिक स्तर में सुधार होगा।

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लेटर
महोदय,
शासन के संज्ञान में यह आया है कि जिलाधिकारी/ उप जिलाधिकारी / पुलिस अधीक्षक और विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के प्रति शिष्टाचार युक्त सम्मान नहीं किया जा रहा है।

अत: इस संबंध में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि जनपद के समस्त अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के प्रति समुचित सम्मान व शिष्टाचार बरता जाए तथा समस्त मंडलायुक्तों / जिलाधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके मंडल / जिला में तैनात समस्त अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के प्रति शिष्टाचार का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
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