आदेश के बावजूद पेंशन कटौती नहीं , शिक्षक संगठन नाराज

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ तीन महीने पहले सरकार ने करीब तीन लाख प्राइमरी और माध्यमिक शिक्षकों की पेंशन के आदेश कर दिए। इसके बावजूद अभी तक उनके खाते से पेंशन की कटौती नहीं शुरू हो पाई है। इससे शिक्षक संगठन नाराज हैं।
केंद्र सरकार ने देश भर में नई पेंशन नीति लागू की थी। उसके बाद कर्मचारी संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध किया था। वे पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे थे। इसके बावजूद ज्यादातर विभागों में नई पेंशन लागू हो गई लेकिन शिक्षा विभाग में नहीं हो सकी। पिछले कुछ महीनों में शिक्षक भी तब तक नई पेंशन लेने को ही राजी हो गए। सरकार ने इसके आदेश भी तीन महीने पहले कर दिए।
नई पेंशन में जितना शिक्षक और कर्मचारियों के खाते से कटौती होगी, उतना ही सरकार को भी जमा करना होगा। सरकार ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। जानकारों का मानना है कि 2006 से अब तक के शिक्षकों को नई पेंशन देनी है। इसके लिए कम से कम 1000 करोड़ का खर्च सरकार का आएगा। यही वजह है कि शिक्षकों को दी जाने वाली पेंशन पर कुल खर्च का आकलन करने में ही विलंब हो रहा है। उनके खाते से अभी तक कटौती भी शुरू नहीं हो सकी है।
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सरकार ने पेंशन का ऐलान करके वाहवाही तो लूट ली। अब इसमें विलंब नहीं करना चाहिए। वैसे भी 10 साल से इंतजार करते ही कई शिक्षक तो रिटायर हो गए और कुछ का निधन भी हो गया। जल्द फैसला करके पेंशन कटौती शुरू करनी चाहिए ताकि शिक्षकों को इसका लाभ मिल सके।
-विनय कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन
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