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शिवपाल का कॉलेज टेकओवर करे सरकार' माया ने कहा- सरकार बनी तो आकस्मिक निधि-सीएम के विवेकाधीन कोष की होगी जांच, जो दोषी होगा जाएगा जेल

विशेष संवाददाता, सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से इटावा स्थित चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज को टेकओवर करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है कि सरकार ने पैसा दिया है तो कॉलेज का कंट्रोल प्राइवेट हाथों में क्यों? इस संबंध में कोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए पांच हफ्ते का समय दिया है।
अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी। यह डिग्री कॉलेज एक सोसायटी चलाती है, जिसके चीफ यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर शिवपाल यादव हैं। सोसायटी में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह व उनके परिवारीजन भी हैं।
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुआई वाली बेंच के सामने मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी महालक्ष्मी पवनी ने कहा कि तत्कालीन मुलायम सरकार ने 2002-03 में कॉलेज को 100 करोड़ रुपये का फंड दिया था। ऐसे में कॉलेज पर राज्य सरकार का कंट्रोल होना चाहिए। इस पर यूपी सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि वह सरकार से बात करेंगे और इस मामले में उचित फैसला होगा। अगर कोर्ट सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हुई तो वह आदेश पारित कर सकती है। पिछली सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह को जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट में याची मनेंद्र नाथ ने 2005 में डिग्री कॉलेज को अवैध तरीके से सरकारी फंडिंग के खिलाफ याचिका दायर की थी।

कोर्ट सख्त

- सरकारी पैसे से चलने वाले कॉलेज को प्राइवेट लोगों के हाथों में कैसे रखा जा सकता है।

- क्या किसी और शिक्षा संस्थान को सरकारी फंड से पैसा दिया गया है।

- क्या ये पैसा चौधरी चरण सिंह की 100वीं जयंती के मद्देनजर दिया गया या फिर किसी परिवार को ध्यान में रखकर।

- सीएजी कॉलेज को मिले फंड के बारे में ऑडिट करे और कोर्ट को इस मामले में रिपोर्ट दे।
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मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बुधवार को सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, सरकारी धन से चल रहे इटावा के कॉलेज को सरकार को टेकओवर करना जरूरी है, ताकि सरकारी धन से चल रहा यह कॉलेज सपा परिवार की एक जागीर बन कर रहने के बजाए व्यापक जनहित में लोगों की सेवा कर सके। बसपा सरकार बनी तो आकस्मिक निधि और सीएम के विवेकाधीन कोष की होगी जांच, जो दोषी होगा उसे जेल भी भेजा जाएगा

सरकारी धन से बंद हो यादव परिवार की ऐश
- मायावती ने प्रदेश में इटावा के चैधरी चरण सिंह डिग्री कालेज के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कहा कि सरकार को तुरंत इटावा का चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज को अपने नियंत्रण पर लेना चाहिए।
- उन्होंने कहा सरकारी धन पर चल रही एक परिवार की ऐश को बंद होना चाहिए।
- उन्होंने कहा कॉलेज का लाभ जनता को मिलना चाहिए जबकि इस पर एक परिवार का नियंत्रण है।
यादव परिवार ने जागीर की तरह प्रयोग कर रहा है कॉलेज का
- मायावती ने कहा कि इटावा के चौधरी चरण सिंह डिग्री कालेज को सपा परिवार के लोगों ने अपनी एक जागीर की तरह से इस्तेमाल किया है।
- उन्होंने कहा कि यह तथ्य भी सुप्रीम कोर्ट में सामने आया है कि इस डिग्री कालेज को सपा परिवार के प्रमुख लोगों का एक ट्रस्ट चला रहा है।
- जिसे सन् 2003 में सपा सरकार ने सरकार की 'आकस्मिक निधि' से 100 करोड़ रुपए दे दिया था।

- यही नहीं इस कॉलेज को अन्य प्रकार की भी सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाती रही है।
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शिवपाल यादव को सुप्रीम कोर्ट का झटका, अखिलेश सरकार को दिए कड़े आदेश!

Updated: 2016-09-28 18:36:09IST Shivpal
अखिलेश सरकार छीन सकती है शिवपाल की प्रॉपर्टी, सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश
लखनऊ। सपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव को देश की सर्वोच्च अदालत से बड़ा झटका लगा। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से इटावा स्थित चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज को टेकओवर करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब कॉलेज के लिए पैसा सरकार ने दिया है तो कॉलेज का प्रशासन किसी और के हाथों में क्यों है। इस संबंध में कोर्ट ने अखिलेश सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए पांच हफ्तों का वक्त दिया है। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी।

शिवपाल के हाथ में है कॉलेज की कमांड

आपको बता दे कि इटावा का उक्त डिग्री कॉलेज एक सोसायटी चलाती है। सोसायटी के मुखिया सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव स्वयं हैं। सोसायटी में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ-साथ उनके परिवारीजन भी शामिल हैं।


दिया गया था 100 करोड़ का फंड

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी महालक्ष्मी पवनी ने कहा कि तत्कालीन मुलायम सरकार ने 2002-03 में कॉलेज को 100 करोड़ रुपये का फंड दिया था। ऐसे में कॉलेज पर राज्य सरकार का कंट्रोल होना चाहिए।

बहस के दौरान अखिलेश सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने पीठ से कहा कि वह सरकार से बात करेंगे और इस मामले में उचित फैसला होगा। अगर कोर्ट सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हुई तो वह आदेश पारित कर सकती है। पिछली सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह को जवाब दाखिल करने को कहा था।

2005 में दायर हुई थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट में याची मनेंद्र नाथ ने 2005 में डिग्री कॉलेज को अवैध तरीके से सरकारी फंडिंग के खिलाफ याचिका दायर की थी।
अब देखना होगा कि अखिलेश सरकार 7 नवंबर को क्या जवाब पेश करती है!

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