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टेट की वैधता सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार ही बढ़ा सकती है और कोई नहीं,17 नवम्बर को सुप्रीमकोर्ट में होगी वैधता तय

5 अक्टूबर 2016 के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने #टेट 2011 के याचियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम 17 नवम्बर की सुनवाई में इस की वैधता अवधि के संदर्भ में विचार करेंगे।
जैसा कि सर्वविदित टेट 2011 की वैधता अवधि समाप्त होने में मात्र एक सप्ताह बचा है इसके बाद टेट 2011का प्रमाणपत्र मात्र एक कागज का टुकड़ा हो जायेगा।
मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप का इस मामले में निम्न विश्लेषण है| UP Election 2017 : इन कारणों से सपा सरकार हो सकती हैं सत्ता से दूर मतलब साफ और स्पष्ट है कि सरकार वीएड वालों की कोई मदद नही करना चाहती २०१७ में यूपी विधानसभा चुनाव का परिणाम १२ लाख बीएड बेरोजगार और उनके परिवार करेंगे तय अर्थात टेट प्रमाणपत्र की वैधता अवधि राज्य सरकार द्वारा तय की जायेगी और ये अधिकतम 7 वर्ष तक ही रहेगी। यहाँ ये स्पष्ट है कि टेट वैधता बढ़ाने का अधिकार न तो केंद्र सरकार के पास है और न ही कोर्ट के पास। इस संबंध में हाई कोर्ट झारखण्ड, राजिस्थान, गुजरात, और बिहार आदि के टेट संबंधी दर्जनों केसो में कोर्ट द्वारा ये कहा गया कि As the role to conduct the TET had been exclusively left by the NCTE to the State Government. अर्थात एनसीटीई द्वारा टेट आयोजन (परीक्षा व प्रमाण पत्र आदि) जिम्मा केवल राज्य सरकार पर ही छोड़ा गया है। कहने का तात्पर्य यह कि टेट की वैधता सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार ही बढ़ा सकती है और कोई नहीं।
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