आयोग की कुंडली से अभ्यर्थियों को राहत, लोकसेवा आयोग ने आरओ/एआरओ आवेदन में वेबसाइट से पुराना लिंक जोड़ा

उप्र लोकसेवा आयोग भी तकनीक से कदमताल कर रहा है। ऑनलाइन आवेदन आदि प्रक्रिया पुरानी बात है,
लेकिन अब नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। इसका सीधा लाभ अभ्यर्थियों को मिला है। आरओ/एआरओ परीक्षा की तर्ज पर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन का पैटर्न शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है।
1प्रदेश के दो महत्वपूर्ण संस्थानों को तकनीक के साथ से उम्दा परिणाम मिले हैं। खास बात यह है कि दोनों ने एक जैसी व्यवस्था लागू की इससे एक तरफ छात्र-छात्रओं का फर्जीवाड़ा नहीं हुआ तो दूसरी ओर अभ्यर्थियों को आवेदन करने में खासी राहत मिली। हम बात कर रहे हैं उप्र लोकसेवा आयोग एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद की। आयोग ने पिछले माह आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए थे। इसमें पहली बार आयोग की वेबसाइट पर आवेदन के फोल्डर से पिछले वर्षो में इसी परीक्षा के लिए हुए आवेदनों को भी लिंक कर दिया गया। इसका यह असर रहा कि अभ्यर्थियों ने जैसे ही अपना नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि आदि दर्ज की वैसे ही उनके सामने पिछले वर्षो के आवेदन पत्र सामने आ गए। इससे अभ्यर्थियों को यह राहत रही कि उसी के आधार पर सारी प्रविष्टियां कर ली और कई युवाओं ने तो पिछले वर्षो के आवेदनों को ही अपडेट करके समिट कर दिया। 1इसी तरह माध्यमिक शिक्षा परिषद में भी इस साल हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षा के आवेदन करते समय पिछले वर्षो के रिकॉर्ड को लिंक कर दिया गया था, इससे करीब आठ लाख फर्जी परीक्षार्थी इम्तिहान से बाहर हो गए हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने कहा है कि आरओ/एआरओ आवेदन में आयोग का कदम सराहनीय है। इसे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का आवेदन लेते समय लागू किया जाना चाहिए।

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