Monday 28 November 2016

कितने कार्यरत वर्तमान शिक्षक या भावी शिक्षक हैं जो ये चाहते हैं कि..... : Himanshu Rana

कितने कार्यरत वर्तमान शिक्षक या भावी शिक्षक हैं जो ये चाहते हैं कि मोदी जी को समस्त वर्गों से जुड़े शिक्षक संस्थानों का निजीकरण/प्राइवेटाइजेशन कर देना चाहिए | इसके लिए आपको गुजरात में चल रही सरकारी शिक्षक प्रणाली में मिल रहे वेतन का अनुमोदन कर लेना चाहिए |
As per sixth pay commission :-
Primary Teacher Salary in Gujarat
In Gujarat, primary teachers are paid according to sixth pay commission recommendations. Gujarat Government didn’t provide sixth pay commission pay scale directly to primary teachers in Gujarat. The government provide Rs. 7800/- fixed salary for first five years as happens with other Gujarat Government employees. They are also eligible for Rs. 2200 extra payment as “Khash Bhatthu” or special allowance. All primary teachers will get Rs. 1500 increment on special allowances. After successful completion of first five years as probation period, they will get following salary (approx.) according to the sixth pay commission recommendations.
Pay Band Rs. 5200-20200 Plus Grade Pay Rs. 2800 = Entry Pay Rs. 11360. You have to add 113% DA as well as travelling allowances. HRA would be applicable and change city by city. Lowest HRA is 10% and the highest is 30% for large cities.
So, a primary teacher salary in Gujarat will be (approx.) Rs. <Your Final Amount> by calculating HRA, TA, DA. However, DA changes from time to time and HRA is depend on your city. So, you have to calculate your salary based on that.
मेरे हिसाब से तो बेहतर स्कीम है ये पांच वर्ष तक का प्रोबेशन पीरियड जिसमे अच्छी तरह से शिक्षकों के स्किल का पता चले और फिर तभी ठोक बजाकर उन्हें परमानेंट किया जाए , इससे जो प्रोबेशन पीरियड में लगे हुए शिक्षक हैं उनके वेतन का जो पांच वर्ष में बचता है उनसे विद्यालयों की स्थिति में सुधार किया जाए जिसके लिए स्वयं प्रोबेशन पीरियड में कार्य करने वाले शिक्षक अपने वेतन से हो रहे विद्यालयों के विकास के संरक्षक हो |
आने वाले दस वर्षों में जैसा कि एक आंकलन है मोदी जी राज करेंगे ( मैं खुद चाहता हूँ डिफेन्स में हो रही प्रगति को देखते हुए) प्राथमिक क्या हर शिक्षण संस्थान की व्यवस्था में जो सुधार होगा वो अतुलनीय रहेगा |
प्राइवेट स्कूल जिनकी इतनी महँगी फीस वे बन्द क्योंकि सुविधाएं सरकारी में मिलेंगी तो हम-आप अपने बच्चों को अपने साथ ही ले जाएंगे उसी विद्यालय में जहाँ अन्य बच्चों को हम तालीम दे रहे हैं |
प्राइवेट ट्यूशन बन्द क्योंकि जब हूँ स्वयं अपने बच्चे को या अपने संरक्षण में ज्ञान देंगे तो महत्व ही नहीं रह जाएगा |
विद्या का निजीकरण बन्द , हर शिक्षक और विद्यार्थी हर तरह से सजग |
और भी बहुत सी चीज़ें हैं जिनका आंकलन सभी के साथ बैठकर विचार करने पर हो |
ये एक सुझाव है मेरा चूंकि देश बदल रहा है और राष्ट्र का प्रथम रचियता इस विषय में इससे बेहतर क्यों नहीं सोच सकता है ?
जब गुजरात जैसे समृद्ध राज्य में इस प्रणाली पर किसी को कोई शिकायत नहीं है तो हम तो यूपी वाले हैं जहाँ शैक्षिक व्यवस्था इतनी चरमरा गई है कि खुद तपकर अपना अहम योगदान हम इस कुशल कार्य में दे सकते हैं |
कुछ कहेंगे हम वर्षों से कार्यरत हैं तो उनसे हर महीने की कटौती करके ले लिए जाए , सुविधानुसार |
मर्यादित भाषा में सुझाव आमंत्रित हैं लेकिन गलत बोलने से पहले ये अवश्य सोचें कि आप शिक्षक हैं या भावी शिक्षक है |
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