घटनाक्रम देखिये : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती

घटनाक्रम देखिये : 1- वर्ष 2010 में शासनादेश जारी हुआ की प्राइवेट बीटीसी कॉलेज खोले जाये और बीटीसी की ट्रेनिंग दी जाये । यह आदेश सचिव, बेसिक शिक्षा(शासन) ने SCERT निदेशक को NCTE से बीटीसी कॉलेज खोलने की अनुमति के पत्र का हवाला देते हुए जारी किया था ।

2-वर्ष 2011, उत्तर प्रदेश में RTE एक्ट लागू हुआ । शिक्षकों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने RTE एक्ट के सेक्शन 23(2) के तहत केंद्र से छूट मांगी ।केंद्र ने बी एड अभ्यर्थियों को 6 माह की विशेष ट्रेनिंग देते हुए सहायक अध्यापक पद हेतु योग्य बनाने की छूट दी और यह भी लिखा की ये छूट 1 बार ही दी जायेगी ।
3- 13/11/2011 को टी ई टी की परीक्षा का आयोजन हुआ जिसमें लगभग दो लाख 72 हज़ार लोग प्राइमरी टी ई टी उत्तीर्ण हुए । इसमें बीटीसी के साथ साथ बी एड अभ्यर्थी भी प्राइमरी की परीक्षा में शामिल हुए थे ।
4- 30/11/2011 को 72825 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया । ये पद तो सहायक अध्यापक के थे परंतु भरे सिर्फ और सिर्फ टी ई टी पास बी एड वालो से जाने थे । इसमें बी टी सी वालो को मौका नही दिया गया ।
5- लाखो बी एड टी ई टी पास हुए मगर 2011 से 2015 तक किसी ने उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर दावा नही ठोका । सब ये समझते रहे की उनका चयन इन 72825 पदों पर ही हो जायेगा ।
6- 70 डाइट के साथ 700 प्राइवेट बीटीसी कॉलेज के अभ्यर्थी बीटीसी पास हुए संख्या लगभग 50 हज़ार थी ।
7- वर्ष 2015 में पहली बार बी एड अभ्यर्थियों द्वारा रिक्त पदों पर 6 माह की ट्रेनिंग देकर नियुक्ति की मांग की गयी परंतु अब बीटीसी अभ्यर्थियों की संख्या व् पर्याप्त मात्र में बीटीसी प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या होने के कारण उनकी मांग अवैध थी । इसका विरोध बीटीसी ट्रेनी वेलफेयर असोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में किया गया ।
7- वर्ष 2015-16 अब बीटीसी अभ्यर्थियों की संख्या लगभग 90 हज़ार से अधिक थी तथा प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों की संख्या भी लगभग 1 लाख के ऊपर है ।
उपरोक्त घटनाक्रम के अनुसार यदि बी एड अभ्यर्थियों ने वर्ष 2011 में ही अपने 72825 पदों के साथ अन्य भर्तियां निकलवाई होती तो उनका भला हो सकता था परंतु 2013 के बाद से उनका बीटीसी की सीटो पर गिद्ध दृष्टि जमाना ठीक नही है । बीटीसी 2010 बैच से 2015 बैच के सभी अभ्यर्थियों को अवैध रूप से समायोजित शिक्षा मित्रो तथा अवैध रूप से प्राइमरी में एंट्री की फ़िराक में लगे लोगो का एकजुट होकर विरोध करना चाहिए
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