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एक कटु सत्य शिक्षामित्र प्रकरण पे : 22 Feb सिविल अपील के फाइनल डिस्पोजल होने के पहले

एक_कटु_सत्य_शिक्षा_मित्र_प्रकरण #पे।
प्रणाम याची भाइयों ,,,,,
मैं आज भी कहता हूँ और सिविल अपील के फाइनल डिस्पोजल होने के पहले भी कहता रहूँगा ,कि जबतक शिक्षा मित्रों का दूरस्थ प्रशिक्षण को चैलेंज कराके माननीय सुप्रीम कोर्ट में रद्द नहीं करवाया जाता तब तक जितनी ख्याली पुलाव बना ले हर कोई ,अंत तक उसे अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकता।
रिट पेटिशन सीविल 28004/2011 संतोष कुमार मिश्रा की रिट पे माननीय दिलीप गुप्ता जी का जुलाई का आदेश देखिये ,उस आदेश में माननीय दिलीप गुप्ता जी इलाहाबाद हाई कोर्ट के सम्मानित एवं पीठाशीन जज साहब ने इनके दूरस्थ प्रशिक्षण पे क्वेश्चन मार्क्स लगाए थे और अपने आदेश को सुरक्षित करने के ठीक बाद उसके अगले दिन 6जुलाई को उसी सुरक्षित दूरस्थ शिक्षा मित्रों के खिलाफ आये हुए आदेश को यह कहते हुए माननीय दिलीप गुप्ता जी ने उक्त आदेश को विथ ड्रा कर लिए की अभी इस दूरस्थ मसले पे अभी और भी पार्टियों को कनेक्ट कर के सुना जायेगा। अपना सुरक्षित आदेश 14 अक्टूबर 11 का क्रश कर दिए आखिर क्यों ????
उसके बाद इसी पिछले साल सितम्बर माह में सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन के बाद पूर्ण पीठ के गठन के बाद जब सभी पेंडिग शिक्षा मित्रों से रिलेटेड केस को एक साथ मर्ज करके एकल जजमेंट कराने का आदेश माननीय दीपक मिश्रा जी ने माननीय यूपी सीजे साहब को 4 हफ्ते के लिए सौंपे थे जिसे माननीय सीजे साहब ने बहुत बखूभी से निभायें अपने 12 सितम्बर 2015 के आदेश में। जब पूर्ण पीठ का गठन होने के बाद अगस्त लास्ट वीक में सभी पेंडिग शिक्षा मित्रों के केस को एक साथ टैग किया जा रहा था तब 28004/2011 संतोष मिश्रा जी की दूरस्थ याचिका भी सभी पेंडिंग केसों के साथ टैग हुआ था। आखिर ऐसा क्या हुआ कि संतोष कुमार मिश्रा जी की रिट उस टैग एकल शिक्षा मित्र याचिका से डिटैग या अलग हो गया ??? या जानबूझ के उस 28004 रिट को टैग केस से निकाल दिया गया ??? जिस दिन शिक्षा मित्रों के खिलाफ जजमेंट आया उस सभी टैग रिटों में 28004 रिट का नाम क्यों नहीं पड़ा या दिखाई दिया ??? ऐसे बहुत से प्रश्न है जिसका उत्तर चाह के भी कुछ भाई नहीं देना चाहेंगे क्यूँकि सच बोलने की आदत उनमे नहीं है। और जिस दिन मैं सच बोल दिया उस दिन हर टीईटी धारी नेताओं का वजूद हमेशा हमेशा के लिए इस फेसबुक और ज़मीनी स्तर पे नेस्तनाबूत हो जाएगा।
सच ही कहा गया है साँच को आँच कैसा
यह आदेश 14 अक्टूबर 2011 का है जिसमे माननीय दिलीप गुप्ता जी ने आदेश को सुरक्षित रिज़र्व कर लिए।
हलांकि शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करने वाली टीम हिमांशु जी एवं अन्य पैरवीकार भाइयों को इस बार दिनांक 07 दिसम्बर 15 पे (12/09/15 के पूर्णपीठ पे लगे स्थगन ) को हटवाने के लिए कमर कस लेना चाहिये क्योंकि याचियों की स्थायी रिलीफ का रास्ता इसी प्रशिक्षण की याचिका के अंतिम जजमेंट से होकर गुजरेगा।
धन्यवाद।
?Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 28004 of 2011
Petitioner :- Santosh Kumar Mishra And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S.Kushwaha,Mohd. Ali Ausaf,R.A.Akhtar
Hon'ble Dilip Gupta,J.
Heard learned counsel for the parties.
#Judgment #reserved.
Order Date :- 14.10.2011
SK

आदेश देखिये 6 जुलाई का
Court No. - 39
Case :- WRIT - A No. - 28004 of 2011
Petitioner :- Santosh Kumar Mishra And Others
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,K.S.Kushwaha,Mohd. Ali Ausaf,R.A.Akhtar
#Hon'ble #Dilip #Gupta,#J.
#List #this #petition #with #connected #matters #for #further #hearing.
Order Date :- 6.7.2012
GS
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