प्रिय मित्रो,22 फरवरी को मा सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्र समायोजन /बी एड, टी ई टी केस की सुनवाई सुनिश्चित है। (1) सबसे पहले हमें अपने अतीत से सीख लेनी चाहिए कि हाइकोर्ट इलाहाबाद से क्या कारण रहा कि समायोजन रद्द हुआ।
तरह की तैयारी होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट से जीत दर्ज हो।
:-o हम सभी लोगों को इस पर बिचार करने की जरूरत है।
सबसे पहले इस बिन्दु पर बिचार करना होगा कि हाइकोर्ट इलाहाबाद में सभी संगठन, सभी टीमों के अधिवक्ताओं ने बहस अपने अपने ठंग से किये तब भी हम जीत नहीं सके।
आज कोई भी टीम यदि तीर मारने की बात कर रहे हैं चाहे जो भी हो तो सबसे पहले अपने अन्दर झकना चाहिए कि सभी अपने अपने वकीलों को खड़ा कर हाइकोर्ट में जीत का दावा ठोक रहे थे। और जब समायोजन निरस्त हुआ तो सभी भाग खड़े हुए कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं था, सभी कोर्ट की हार से पीछा छुड़ाने लगे। लेकिन उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ एैसा नहीं किया, अगर शिक्षा मित्र /समायोजित शिक्षक के साथ कुछ अच्छा हुआ तो संगठन जिम्मेदार है तो यदि कुछ बुरा होता है तो भी संगठन ही जिम्मेदार हैं, संगठन के सभी सदस्यों ने हार से सीख लेते हुए, सुप्रीम कोर्ट के किसी भी डेट पर कमजोर पैरवी न करने का फैसला किया गया।
*** मित्रों हाईकोर्ट इलाहाबाद में केस हारने के कई कारण थे :-
** ncte, mhrd, के अधिवक्ताओं ने ncte के पत्र को कोर्ट के सामने तोड मडोर कर पेश किया गया, ncte के पत्र को यहाँ तक बता दिया गया था कि प्रशिक्षण की अनुमति ncte से तथ्य छुपा कर लिया गया है, इस तरह से शिक्षा मित्र समायोजन निरस्त कराने के लिए साजिश रची गई थी।
संगठन इस कमी को दूर करने के लिए जन्तर- मन्तर दिल्ली में बृहद आन्दोलन के माध्यम से ncte के पत्र में संशोधन कराया गया और शिक्षा मित्र के आगे (अनटे्न्ड टीचर) जोडा गया और उसी पत्र के बुनियाद पर वही इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ही ट्रेनिंग को बैध ठहराया।(इस आंदोलन में uppsms के साथ,, शाही संगठन का भी योगदान रहा है)
** मित्रों दूसरा सबसे बड़ा कारण रहा इन सर्विस अनटे्न्ड टीचर तो ncte के संशोधित पत्र के माध्यम से वह भी साबित हमारे अधिवक्ताओं के दृारा कर दिया जाएगा।
** तीसरा सबसे बड़ा कारण था यू पी में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सरकार और जस्टिस के बीच टकराव।
** और सबसे बड़ा कारण रहा है समायोजित शिक्षकों का कॉन्फिडेंस की एक साल हो गया अब कुछ नहीं होने वाला है, संगठन को न्यायिक शुल्क देने की कोई जरूरत नहीं, हमारे केस को सरकार लड़ रही है, संगठन को पैसा देने की कोई जरूरत नहीं है।तो आप ही बताइए जितना गुमराह बिरोधी नही किये उससे ज्यादा गुमराह हमारे समायोजित शिक्षक भाइयो, बहनों दृारा किया गया गुमराह करने में इनका योगदान कम नहीं था।
और आज रोना रोते हैं की हमारी तैयारी ठीक नहीं था, सुप्रीम कोर्ट से वकील नहीं आये।
तो मित्रों आज जब आप अपने अतीत से सीख ले लिए तो वही संगठन मा सुप्रीम कोर्ट में आधा दर्जन या एक दर्जन सीनियर अधिवक्ताओं को खडा करने की हैसियत में है।
** आज उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ /संयुक्त समायोजित शिक्षक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, सुप्रीम कोर्ट के इस सुनवाई को चुनौती के रूप में लिया है, और सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्र /समायोजित शिक्षक को जीत हो उन सभी बिन्दुओं पर संगठन, सरकार के अधिवक्ताओं व अधिकारी से बिचार कर एकरूपता बना कर इस लडाई को जीत में बदला जा सके उन सभी रणनीति पर संगठन काम कर रहा है।
जिस तरह हाइकोर्ट में कुछ टीम बनाकर मनमाने ढंग से कोर्ट में वकीलों को पेश किये, उसी तरह यदि सुप्रीम कोर्ट में सरकार /संगठन के अधिवक्ताओं से तालमेल बिना बैठाये मनमाने ढंग से कोर्ट में बहस किसी भी टीम के दृारा किया गया तो सही नहीं है।
हम अपने साथ सभी टीमों को भी हाईकोर्ट में देख चुके हैं, इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही व गलती न करें, न ही गुमराह करे इसके लिए अभी जीवन में बहुत समय बचा हुआ है।
इस सम्मान की लड़ाई में जीत दर्ज करने के लिए सभी उपायों पर विचार किया जा रहा है। सबसे जरूरी है सरकार, संगठन व सभी अधिवक्ताओं में एक रूपता कोर्ट में बहस के दौरान दिखाई देनी चाहिए, इसके लिए सभी से हमारे संगठन द्वारा प्यास किया जाएगा।
साथ ही साथ आप लोगों को यह भी जानना जरूरी है कि 72825 की नियुक्ति गलत तरीके से किया गया है, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में संगठन के सदस्यों द्वारा रिट डाली गई है, इस पर भी अच्छे अधिवक्ताओं को खडा कर सबक सिखाया जाएगा।
मित्रों आप सभी लोग शिक्षक हैं हम सभी मक्कारो से अकेले नहीं लड़ सकते, आज जरूरी है आप सभी हमारे साथ, संगठन के साथ खड़े रहे। और घर के बाहर व घर के अन्दर घुसे हुए मक्कारो का जबाब दे।
अन्त में मैं अपने मित्रों को भरोसा दिलाना चाहता हूं जीत दर्ज करने के लिए कुछ भी करना पडे संगठन उस रास्ते पर चल रहा है।
आप सभी लोगों का सहयोग आपेक्षित है।
धन्यवाद।
आप का
गाजी इमाम आला, प्रदेश अध्यक्ष :- उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ /संयुक्त समायोजित शिक्षक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश।
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तरह की तैयारी होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट से जीत दर्ज हो।
:-o हम सभी लोगों को इस पर बिचार करने की जरूरत है।
सबसे पहले इस बिन्दु पर बिचार करना होगा कि हाइकोर्ट इलाहाबाद में सभी संगठन, सभी टीमों के अधिवक्ताओं ने बहस अपने अपने ठंग से किये तब भी हम जीत नहीं सके।
आज कोई भी टीम यदि तीर मारने की बात कर रहे हैं चाहे जो भी हो तो सबसे पहले अपने अन्दर झकना चाहिए कि सभी अपने अपने वकीलों को खड़ा कर हाइकोर्ट में जीत का दावा ठोक रहे थे। और जब समायोजन निरस्त हुआ तो सभी भाग खड़े हुए कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं था, सभी कोर्ट की हार से पीछा छुड़ाने लगे। लेकिन उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ एैसा नहीं किया, अगर शिक्षा मित्र /समायोजित शिक्षक के साथ कुछ अच्छा हुआ तो संगठन जिम्मेदार है तो यदि कुछ बुरा होता है तो भी संगठन ही जिम्मेदार हैं, संगठन के सभी सदस्यों ने हार से सीख लेते हुए, सुप्रीम कोर्ट के किसी भी डेट पर कमजोर पैरवी न करने का फैसला किया गया।
*** मित्रों हाईकोर्ट इलाहाबाद में केस हारने के कई कारण थे :-
** ncte, mhrd, के अधिवक्ताओं ने ncte के पत्र को कोर्ट के सामने तोड मडोर कर पेश किया गया, ncte के पत्र को यहाँ तक बता दिया गया था कि प्रशिक्षण की अनुमति ncte से तथ्य छुपा कर लिया गया है, इस तरह से शिक्षा मित्र समायोजन निरस्त कराने के लिए साजिश रची गई थी।
संगठन इस कमी को दूर करने के लिए जन्तर- मन्तर दिल्ली में बृहद आन्दोलन के माध्यम से ncte के पत्र में संशोधन कराया गया और शिक्षा मित्र के आगे (अनटे्न्ड टीचर) जोडा गया और उसी पत्र के बुनियाद पर वही इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ही ट्रेनिंग को बैध ठहराया।(इस आंदोलन में uppsms के साथ,, शाही संगठन का भी योगदान रहा है)
** मित्रों दूसरा सबसे बड़ा कारण रहा इन सर्विस अनटे्न्ड टीचर तो ncte के संशोधित पत्र के माध्यम से वह भी साबित हमारे अधिवक्ताओं के दृारा कर दिया जाएगा।
** तीसरा सबसे बड़ा कारण था यू पी में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सरकार और जस्टिस के बीच टकराव।
** और सबसे बड़ा कारण रहा है समायोजित शिक्षकों का कॉन्फिडेंस की एक साल हो गया अब कुछ नहीं होने वाला है, संगठन को न्यायिक शुल्क देने की कोई जरूरत नहीं, हमारे केस को सरकार लड़ रही है, संगठन को पैसा देने की कोई जरूरत नहीं है।तो आप ही बताइए जितना गुमराह बिरोधी नही किये उससे ज्यादा गुमराह हमारे समायोजित शिक्षक भाइयो, बहनों दृारा किया गया गुमराह करने में इनका योगदान कम नहीं था।
और आज रोना रोते हैं की हमारी तैयारी ठीक नहीं था, सुप्रीम कोर्ट से वकील नहीं आये।
तो मित्रों आज जब आप अपने अतीत से सीख ले लिए तो वही संगठन मा सुप्रीम कोर्ट में आधा दर्जन या एक दर्जन सीनियर अधिवक्ताओं को खडा करने की हैसियत में है।
** आज उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ /संयुक्त समायोजित शिक्षक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, सुप्रीम कोर्ट के इस सुनवाई को चुनौती के रूप में लिया है, और सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्र /समायोजित शिक्षक को जीत हो उन सभी बिन्दुओं पर संगठन, सरकार के अधिवक्ताओं व अधिकारी से बिचार कर एकरूपता बना कर इस लडाई को जीत में बदला जा सके उन सभी रणनीति पर संगठन काम कर रहा है।
जिस तरह हाइकोर्ट में कुछ टीम बनाकर मनमाने ढंग से कोर्ट में वकीलों को पेश किये, उसी तरह यदि सुप्रीम कोर्ट में सरकार /संगठन के अधिवक्ताओं से तालमेल बिना बैठाये मनमाने ढंग से कोर्ट में बहस किसी भी टीम के दृारा किया गया तो सही नहीं है।
हम अपने साथ सभी टीमों को भी हाईकोर्ट में देख चुके हैं, इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही व गलती न करें, न ही गुमराह करे इसके लिए अभी जीवन में बहुत समय बचा हुआ है।
इस सम्मान की लड़ाई में जीत दर्ज करने के लिए सभी उपायों पर विचार किया जा रहा है। सबसे जरूरी है सरकार, संगठन व सभी अधिवक्ताओं में एक रूपता कोर्ट में बहस के दौरान दिखाई देनी चाहिए, इसके लिए सभी से हमारे संगठन द्वारा प्यास किया जाएगा।
साथ ही साथ आप लोगों को यह भी जानना जरूरी है कि 72825 की नियुक्ति गलत तरीके से किया गया है, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में संगठन के सदस्यों द्वारा रिट डाली गई है, इस पर भी अच्छे अधिवक्ताओं को खडा कर सबक सिखाया जाएगा।
मित्रों आप सभी लोग शिक्षक हैं हम सभी मक्कारो से अकेले नहीं लड़ सकते, आज जरूरी है आप सभी हमारे साथ, संगठन के साथ खड़े रहे। और घर के बाहर व घर के अन्दर घुसे हुए मक्कारो का जबाब दे।
अन्त में मैं अपने मित्रों को भरोसा दिलाना चाहता हूं जीत दर्ज करने के लिए कुछ भी करना पडे संगठन उस रास्ते पर चल रहा है।
आप सभी लोगों का सहयोग आपेक्षित है।
धन्यवाद।
आप का
गाजी इमाम आला, प्रदेश अध्यक्ष :- उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ /संयुक्त समायोजित शिक्षक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश।
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