इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को एक और झटका दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृषि टेक्नीकल भर्ती को रद कर दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने नये सिरे से डाटा एकत्र कर विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है।
जस्टिस वी के शुक्ला और जस्टिस एम सी त्रिपाठी की डिवीजन बेंच ने यह आदेश सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कृषि तकनीकी सहायकों 6628 पदों की भर्ती को रद कर दिया है।
इसमें परीक्षा के दौरान मनमाने तरीके से पदों का आवंटन बदला गया था। कृषि तकनीकी अधिकारी के लिए 6628 का चयन किया गया था। इसमें भी जमकर धांधली का आरोप लगा था। माना जा रहा है कि भर्ती रद होने से करीब 6500 चयनित लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है।
भर्ती रद होने के बाद से लगभग 6500 सेलेक्टेड को नुकसान हुआ है। कोर्ट का मानना है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ था। साथ ही कोर्ट के अनुसार, भर्ती में 66% तक आरक्षण को चुनौती याचिका में दी गई थी। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद 15 नवम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया था।
हाईकोर्ट इलाहाबाद के आदेश पर कृषि टेक्नीकल भर्ती की लिखित परीक्षा दोबारा नहीं होगी, केवल परिणाम रद हुआ है। अब दोबारा इंटरव्यू होगा। हाईकोर्ट ने चार माह में दोबारा परिणाम जारी करने का आदेश दिया है।
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जस्टिस वी के शुक्ला और जस्टिस एम सी त्रिपाठी की डिवीजन बेंच ने यह आदेश सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कृषि तकनीकी सहायकों 6628 पदों की भर्ती को रद कर दिया है।
इसमें परीक्षा के दौरान मनमाने तरीके से पदों का आवंटन बदला गया था। कृषि तकनीकी अधिकारी के लिए 6628 का चयन किया गया था। इसमें भी जमकर धांधली का आरोप लगा था। माना जा रहा है कि भर्ती रद होने से करीब 6500 चयनित लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है।
भर्ती रद होने के बाद से लगभग 6500 सेलेक्टेड को नुकसान हुआ है। कोर्ट का मानना है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ था। साथ ही कोर्ट के अनुसार, भर्ती में 66% तक आरक्षण को चुनौती याचिका में दी गई थी। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद 15 नवम्बर 2016 को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया था।
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