हाईकोर्ट का अहम फैसला, चुनाव के लिए विद्यालयों व उनके परिसरों में पुलिस, पीएसी व केंद्रीय बलों को ठहराया जाना गलत

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि विधानसभा चुनाव के चलते विद्यालयों व उनके परिसरों में पुलिस, पी ए सी व केंद्रीय बलों को ठहराया जाना गलत है ।
अदालत ने सीतापुर जिले के जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी के उस आदेश को ख़ारिज कर दिया है जिसमे तीन विद्यालयों में पुलिस पी ए सी व केंद्रीय पुलिस को ठहराने के आदेश किये गए थे ।
यह आदेश न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही व न्यायमूर्ति संजय हरकौली की खंडपीठ ने सेक्रेड हार्ट कॉलेज सहित दो अन्य स्कूलों की ओर से अधिवक्ता मीनाक्षी सिंह परिहार एवम वरिष्ठ अधिवक्ता हरि गोविन्द सिंह परिहार द्वारा दायर याचिका पर दिए हैं ।
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री परिहार ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट एवम जिला निर्वाचन अधिकारी सीतापुर ने विधानसभा के तीसरे चरण के चुनाव के लिए 15 फरवरी से 20 फरवरी तक तीन विद्यालयों को पुलिस के ठहरने का आदेश जारी किया था । कहा कि जिला मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनोती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी । याचिका में आरोप लगाए गए थे कि विद्यालयों में पुलिस बल ठहरने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी तथा विद्यालय के अन्य कार्य भी प्रभावित होंगे। यह भी कहा गया कि यह स्कूल माइनारिटी के है ।याचिका पर सुनवाई के समय यह भी तर्क दिया गया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 160 के तहत पुलिस बल को इन स्कूलों में ठहराने की व्यवस्था नहीं की जा सकती। सुनवाई के समय तर्क दिया गया कि यह स्कूल कैथोलिक है जिनमे प्रार्थना होती हैं, इससे बच्चों की पढाई पर विपरीत असर भी पड़ेगा ।
अदालत ने सुनवाई के बाद जिला मजिस्ट्रेट सीतापुर के 2 फरवरी 2017 के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें पुलिस बल को तीन विद्यालयों में ठहराये जाने का आदेश दिया गया था ।
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