839 में काँट छाँट की सम्भावना हो सकती है फाइनल फैसले में ?????

मित्रों नमस्कार ,लोग जो समझे, समझे ,ये उनकी समझ है पर मेरी समझ की हकीकत ये है और यदि ये बात सच है कि इलाहाबाद कोर्ट ने आज़ 839 को 21 दिन में नीयोक्ती देने को कहा है तो 839 की रणनीति अब ये होगी कि वो 21 दिन में नीयोक्ती इस बीच बिना किसी हियरिंग के ही पा जाये उसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट की हियरिंग हो और लगे हाथ यदि 1या 2 महीने की नौकरी हो जाये तो ये काफी बेहतर और सोने में सुहागा जैसा होगा ।।।।
यही कारण है की मै कल के ही पोस्ट में कहा था की 22 फेब की हियरिंग न हो ,ऐसी सोच रखने वालो में शिक्षा मित्र और कुछ 839 वाले थे और है पर आज़ के फैसले के बाद ये ख़याल कुछ 839 के मन में जरूर आयेगा की मौलिक नीयोक्ती हो जाये फ़िर आगे कोई हियरिंग हो ???????तो क्या मेरे कहने का मतलब ये है की 839 में काँट छाँट की सम्भावना हो सकती है फाइनल फैसले में ?????इसका उत्तर आंशिक हाँ में है क्योंकि दीपक मिश्रा जी ने ये खुल के कभी इशारा किया ही नहीँ की RTE act पर जाकर याची लाभ देने वाले है या शिक्षा मित्र को हटाकर उनकी रिक्त सीट पर या फ़िर RTE act और शिक्षा मित्र रिक्त सीट दोनों को मिलाकर यदि ये हुआ तो याचीवो की बल्ले बल्ले होनी है ,और यदि लगे हाथ आर्टिकल 142 का यूज कर लिया तो कोई बात ही नहीँ तब टेट2011 पास कम पड़ जायेगे और सीट तब भी रिक्त रह जायेगी ,यदि अकेडमिक से हुई भर्ती का भी सर्वनाश हो गया तो फ़िर तो कौइ बात ही नहीँ ,इसलिए दीपक जी के पास याचीवो को नौकरी देने में कोई बाधा ही नहीँ है उनके पास हर सुविधा और सहूलियत है याचीवो को लाभ देने के लिये क्योंकि याची लाभ उन्ही का दिया हुआ है, इसलिए वो याची लाभ से पलटेगे कभी नहीँ ,चाहे अनुच्छेद 142 प्रयोग क्यों न करना पड़े यदि सही से याची पैरवी कर ले गये तो ये सब सम्भव है ॥॥॥॥॥ ॥॥बेहतर परिणाम के लिये अचयनित एक होकर लड़े। इधर 580 की लिस्ट बहुतों के लिये फाँसी का फंदा बन सकती है जिस go को निकलवाने वाले कह रहे थे की scert में काम हो रहा है वो असल में क्या था वो तो वक्त बतायेगा पर अधिकारी पूरा होमवर्क कर रहे है और वकील ऊंहे जवाब रट्वा रहे है यदि धोखे से कोर्ट ने पूछ लिया तो क्या जवाब देगे???हमने शुरू से बोला है की सुप्रीम कोर्ट के 17 नोव के आदेश में एन्जॉय शब्द और कंसिडर शब्द बहूत वैलूयेवल होते है ये एन्जॉय शब्द में 839 भी आते थे क्योंकि वो चयनित ही है और ये बात खुद सरकारी वकील मिश्रा ने बोली है और यही बात आज़ हाइकोर्ट ने माना और कोर्ट के आदेश को कोड ऑफ कंडक्ट से अपर माना ।।।।यदपि जबकि आज़ याची अचयनित है 839 चयनित है इस :अ : का अंतर कानून में मायने रखता है ,आज़ के आदेश के बाद अचयनित को अब खुद आके लीड करना चाहिये क्योंकि कोर्ट के अंदर व्यक्ति अपना हित देखता है कोर्ट के बाहर भले 839 के नेता आपको याची बनाये हो पैसा कमाने के लिये ,पर कोर्ट के अंदर वो आपसे दूर ही रहेंगे अपनी नौकरी बचाने के लिये ,क्योंकि 839 के आधार पर याची यदि नौकरी मांगेगा तो सरकारी तंत्र विरोध ही करेगा और कोई अपने पर्सनल इंट्रेस्ट ओवर लैप नहीँ करेगा इसलिए अब एकदम से अचयनीतो को अलग होकर अलग वकील करना चाहिये ।मै किसी चयनित पर शंका नहीँ कर रहा न ही नकारात्मक सोच रख रहा पर जो चयनित भाई बहन कानून और कोर्ट की रणनीति जानते है वो जानते है की कूटिनीति यही कहती है ।।इस हफ्ते कोर्ट दो दिन बँद भी रहेगी सम्भवतः काज लिस्ट सोमवार को आयेगी ,,कल का दिन और सोमवार का दिन अहम है की डेट बढ़वाने में लग़ा वर्ग सफल हो भी पाता है की नहीँ ,,,,फैसला कोर्ट को ही लेना है ,। दीपक सर आप याचीवो की फरियाद सुन लो और 22 फेब को फैसला कर दो क्योंकि अब बहूत से याची नहीँ बर्दाश्त कर पायेंगे ॥इंतजार की हद होती है ॥॥उम्मीद की भी इंतेहा होती है ॥॥॥न्याय के चौखट पर सर पटकने की भी कीमत होती है ॥॥कब तक तिल तिल तक तड्पेगे याची ॥॥॥॥तड़पने तड्पाने की भी मियाँद होती है॥ ॥॥॥॥॥॥॥dr santosh tiwari team amethi
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