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फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे 45 दिव्यांग शिक्षक, मेडिकल बोर्ड के समक्ष सत्यापन को उपस्थित न होने से खुलासा

अमेठी : जिले के अलग-अलग विकास खंडों में 45 दिव्यांग शिक्षक फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी कर रहे है। मामले का खुलासा तब हुआ जब दिव्यांग शिक्षकों ने राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष भौतिक सत्यापन में नहीं
पहुंचे। डायट प्राचार्य सुलतानपुर ने सभी शिक्षकों की तैनाती विद्यालय की सूची देने की मांग की है।
विशिष्ट बीटीसी दिव्यांग 2007-08 में सुलतानपुर से 45 अभ्यर्थी ऐसे थे। जिन्होंने दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया था। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें अमेठी जनपद ने तैनाती दी गई। प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद राज्य मेडिकल बोर्ड की बैठक हुई।1 जिसमें दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाने वाले सभी शिक्षकों को भौतिक सत्यापन के लिए बुलाया गया। जिसमें 45 दिव्यांग शिक्षक मेडिकल बोर्ड की भौतिक सत्यापन में उपस्थित नहीं हुए। जिसके बाद नोटिस जारी करते हुए डायट के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा गया। डायट प्राचार्य के पत्र पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गत दस जनवरी को सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र भेजकर दिव्यांग शिक्षकों की तैनाती विद्यालय की सूची मांगी। किंतु अभी तक किसी भी खंड शिक्षाधिकारी ने सूची देना उचित नहीं समझा।1 खंड शिक्षाधिकारियों की शिथिलता को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार पंडित ने नोटिस भेजते हुए कहा है कि अगर आगामी 17 मार्च तक खंड शिक्षाधिकारी सूची उपलब्ध नहीं कराते है। तो उनका वेतन अवरुद्ध कर दिया जाएगा।

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