7 अप्रैल : हो सकता है मा० न्यायमूर्ति स्वयं से संज्ञान में लें तो डेट बदल भी सकती है : हिमांशु राणा

सुप्रभात मित्रों , यद्यपि मुझे इस बात का स्पष्टीकरण नहीं देना चाहिए परन्तु सोशल मीडिया पर कुछ अराजक तत्व एक्टिव हैं और लगातार हमारे व्यस्त होने के कारण आम टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों तक भ्रामक खबरें पहुंचा रहे हैं | टीईटी उत्तीर्ण शिक्षा मित्र अब प्रस्तावित बीटीसी भर्ती में पुनः प्रतिभाग करेंगे ?


याद कीजिये जब 17 फ़रवरी को तारीख मिल गयी थी तब टेट मोर्चे के तथाकथित भांड चयनित/अचयनित जिन्हें नेतागिरी का कीड़ा काटा था भाग गए थे आन्दोलन करने के लिए परन्तु हमारे द्वारा याचिका 915/2016 डाली गयी और आप 7 दिसम्बर की पोस्ट को पढ़िए जिसका आदेश भी आया था कि हमारे अधिवक्ता श्रीमान आनंद नंदन एवं श्रीमान अमित पवन जी ने मा० उच्चत्तम न्यायालय को अवगत कराया था कि सरकार अब इन्हें टेट उत्तीर्ण कराकर बैक-डोर एंट्री दे रही है जिस पर मा० उच्चत्तम न्यायालय ने शिक्षा-मित्रों के किसी भी प्रकार से नियुक्त किये जाने पर रोक लगाई थी और सरकार से हलफनामा भी माँगा था कि अब तक इस प्रकार से कितनी बैक-डोर एंट्री किये हो ये भी मा० उच्त्तम न्यायालय को अवगत कराएं और ध्यान रहे अब शिक्षा-मित्रों की किसी भी प्रकार से नियुक्ति नहीं होगी |
यहाँ एक अति-महत्वपूर्ण बात आवश्यक रूप से जान लेनी चाहिए आपको :-
गुणांक की समस्त भर्तियों को हमने अपनी याचिका में हाई-कोर्ट में भी चुनौती दी थी और जैसा कि आप जान ही रहे हैं कि ये सत्ता और इसके अधिकारी अब घुटन में सांस ले रहे हैं और पूर्ण विशवास है पिछले पांच वर्षों का बदला आप इनके विरूद्ध किसी भी अन्य दल को जिताने हेतु ईवीएम में बंद कर चुके हैं तो आने वाली सत्ता को हमें अवगत कराना होगा कि ये समस्त मुद्दे अब मा० उच्चत्तम न्यायालय के अधीन हैं तो कृपा करके इनको निस्तारित करके ही न्यायोचित ढंग से प्राथमिक और उच्च-प्राथमिक की दिशा और दशा सुधारें जिसके लिए हमने कमर कस ली है |
अब किसी भी प्रकार से किसी को भी नियुक्त करना किसी के बसकी बात नहीं है और भविष्य में कौन सी सत्ता आती है उसके लिए हमें तैयार रहना होगा और मा० उच्चत्तम न्यायालय में पैनी नजर बनाये रखनी होगी क्यूंकि शिक्षक भर्तियों से जुड़े समस्त वाद-अपवादों का निस्तारण अब वहीँ से है |
संगठन के विषय में :-
आम टेट उत्तीर्ण देख ही रहा है कि रोज-रोज की छीटा कशी और खुद को ईमानदार और हरिश्चंद्र घोषित करने के लिए कैसे-कैसे आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं जबकि जो संगठन से और हम से शुरू से जुड़ा हुआ है वो शोध कर सकता है कि क्या ये दिशा सही है ?
मा० उच्चत्तम न्यायालय के अंदर भी काम बोल रहा है और किसका बोल रहा है बताने की जरूरत नहीं है इसके लिए एक वाकया बताता हूँ - असमायोजित शिक्षा-मित्रों का एक दल खुद को समायोजित कराने के लिए किसी जगह (वरिष्ठ अधिवक्ता नाम गुप्त रखा है) बैठे थे जहाँ उन्हें शिक्षा-मित्रों के विरुद्ध हिमांशु टीम और हमारे अधिवक्ताओं के कारनामे बताये ही नहीं दिखाए भी गए आदेशों के साथ और कहा तुम खुद की बात कर रहे हो यहाँ जो हुए हैं वो भी zzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzz समझ गए होंगे कहने का मतलब |
फिर वो थक हार के उन्ही अधिवक्ताओं के पास पहुँच गए जो शुरू से उनका बेवकूफ बनाते आ रहे हैं और याचिका की सुनवाई शायद 10 मार्च को है |
अर्थात पहले ये तय करिए कि काम का परिणाम किसने दिया और किनके कारनामों की वजह से आज सभी की आस है वर्ना तो the end था बहत्तर आठ सौ पच्चीस पर |
7 अप्रैल को जो संभावित डेट लगी है उससे उम्मीद न बांधिए स्पष्ट कह रहा हूँ चूंकि misc डे है और अभी हो सकता है मा० न्यायमूर्ति स्वयं से संज्ञान में लें तो डेट बदल भी सकती है |
बहुत ही स्पष्ट कह रहा हूँ - शिक्षा मित्र हटाओ नौकरी ले जाओ जिसके लिए आपको समर्पित हैं हमारी याचिका आपकी नियुक्ति के लिए भी और शिक्षा मित्रों के विरुद्ध भी, हमारा मार्गदर्शन और वही अधिवक्ता जिन्होंने परिणाम दिया है आजतक बाकी सीनियर और टॉप-मोस्ट सीनियर करिए आप जिसमे हमारा सहयोग रहेगा लेकिन ये आँखें खोलकर करिए कि कौन सी याचिका पर और क्या आवाज उठाने जा रहे हैं ?
शेष विस्तार से बाद में |
हर हर महादेव
आपका ______________ हिमांशु राणा
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