समस्त उत्तर प्रदेश के निवासियों व उत्तर प्रदेश के सम्पूर्ण शिक्षा जगत को अवसरवादी शिक्षा मित्रों के विषय में गुप्त रहस्य खोलना चाहता हुँ। आज से लगभग 5/6 वर्षो पहले जब तेजी से सन् 2010 में चुनावी समीकरण बन बिगङ रहे थे, तो उस समय भी अयोग्य शिक्षा मित्र तत्कालीन बसपा सरकार मायावती के चहेते थे।
बी. एड. टेट उत्तीर्ण समुदाय ने बसपा को खत्म करने के पश्चात सपा दल पर अपना ध्यान केंद्रित किया और बी. एड. टेट उत्तीर्ण वालों को यूँवा नेता अखिलेश यादव पर बहुत विस्वास था और बहुत उम्मीदें थीं परन्तु बी. एड. टेट उत्तीर्ण वालो का भविष्य विधाता ने कुछ और ही रच रखा था। सपा सरकार ने सत्ता में वापसी करते ही लखनऊँ से लेकर इलाहाबाद व पुनः लखनऊँ तक अपने हक की आवाज बुलंद करने वाले आन्दोलनों को बङी ही आमानवीय तरीके से कुचलने का अभियान चलाया और अपने पूरे पाँच साल के शासनकाल में किसी भी बी. एड. टेट उत्तीर्ण बेरोजगार को स्वेच्छा से रोजगार नही दिया। और जितने भी इनके जिम्मेदार पार्टी प्रवक्ता सपा के कहते रहे हैं कि सपा ने 72825 भर्ती को कराया है तो वो राजनीति का दल्ला झूठ बोल रहा है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को यह रहस्य जानने का विचार हो तो वो हाईकोर्ट इलाहाबाद से लेकर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में केवल मात्र वकीलों के चैम्बर में जाकर 72825 भर्ती व बी. एड. टेट उत्तीर्ण योग्य अभ्यर्थी के उत्पीड़न की करुण कहानी पर चर्चा छेङकर पता लगा सकता है और मैं चुनौती देता हुँ कि वो मुझे झूठा साबित कर दें। सपा सरकार ने बसपा सरकार से भी कहीं ज्यादा भीषण अत्याचार व उत्पीड़न बी. एड. टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों का किया और इलाहाबाद लाठी चार्ज कांड में सैकड़ों गरीब लाचार टेट उत्तीर्ण लोगो पर बेरहमी से लाठियाँ चलवाई और बहुत से टेट उत्तीर्ण साथियों को विभिन्न धाराओं में फर्जी मुकदमे लगाकर पुरुषों तथा यहाँ तक की महिलाओं पर अमानवीय यातनाएं दी। बहुत से लोगों का आज तक पता ही नही चला कि वो पुलिसिया कारवाई में मर गये कि जिन्दा हैं। इतना सब होने के बावजूद भी यूँवा मुख्यमंत्री ने सरकार जाते जाते बी. एड. टेट उत्तीर्ण वालो के लिए कुछ नही किया। इसके ठीक विपरीत अयोग्य अवैध शिक्षा मित्रों को बेसिक शिक्षा विभाग में 3500 रु. मानदेय सविंदा से उठाकर 35000 रुपये की मासिक वेतन देकर स्थाई शिक्षक का पद मुफ्त में दे दिया। भारी तादाद में 1.72 लाख सविंदा कर्मियों को स्थाई शिक्षक सारे नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर समायोजन किया गया। भला हो हाईकोर्ट इलाहाबाद के विद्वान पवित्र जज डॉ डी. वाई. चन्द्रचूड जी का जिन्होंने शिक्षा मित्रों के अनैतिक अवैध समायोजन का कानून की कसौटी पर कसकर रद्द कर डाला और इनका समायोजन अवैध नाजायज करार दिया गया। शिक्षा मित्रों की अयोग्यता, अनैतिकता का पता इसी बात से लगा सकते हैं कि इन्होने समायोजन रद्द होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ डी. वाई. चन्द्रचूड का सार्वजनिक रूप से खुलेआम जुलूस निकालकर पुतला जलाया और न्यायपालिका मुर्दाबाद के नारे लगाये और ये सारा तमाशा सपा सरकार की पुलिस के सामने कई दिनो तक चलता रहा फिर भी किसी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। किस प्रकार से शिक्षा मित्र न्यायपालिका की मर्यादा को तार तार कर रहे थे और भारत के संविधान व भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका का अपमान कर रहे थे। सपा सरकार सारा तमाशा तमाशबीन बनकर देखती रही। अंत में ठीक अभी सपा सल्तनत का विनाश किस प्रकार से हुआ उसका ताजा उदाहरण आप उत्तर प्रदेश के समस्त निवासियों आपके सामने है। गरीब, लाचार, बी. एड. टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों की भूँखी नंगी अंतर की आत्मा सपा की जङों को चाट चाट कर नष्ट भ्रष्ट कर डाली। अबकी चुनाव में भी 3 लाख बी. एड. टेट उत्तीर्ण समुदाय ने भंयकर रूप से सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करते हुए सपा बसपा के विरुद्ध लामबंद होकर खुलकर विरोध किया और सपा बसपा की जङों को अंहकार को विनाश कर डाला।
तत्काल वर्तमान में वैसे भाजपा बी. एड. टेट उत्तीर्ण समुदाय के प्रति सकारात्मक है परन्तु उसने 1.72 लाख शिक्षा मित्रों का अनैतिक ढंग से एकतरफा पक्ष लिया तो यह बात दावे के साथ कह सकता हुँ कि सन् 2019 में भाजपा का ऐसा अंत होगा कि जिसकी भाजपा संसदीय दल की टीमो ने कल्पना नही की होगी। यह परम सत्य है कि गरीब लाचार बेरोजगार भूखे मजलूमों की हाय, आघाय साँस बङी से बङी रियासतों, सल्तनतों का विनाश कर देती है। जै काशी विश्वनाथ जै महाकाल जै मोदीराज
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बी. एड. टेट उत्तीर्ण समुदाय ने बसपा को खत्म करने के पश्चात सपा दल पर अपना ध्यान केंद्रित किया और बी. एड. टेट उत्तीर्ण वालों को यूँवा नेता अखिलेश यादव पर बहुत विस्वास था और बहुत उम्मीदें थीं परन्तु बी. एड. टेट उत्तीर्ण वालो का भविष्य विधाता ने कुछ और ही रच रखा था। सपा सरकार ने सत्ता में वापसी करते ही लखनऊँ से लेकर इलाहाबाद व पुनः लखनऊँ तक अपने हक की आवाज बुलंद करने वाले आन्दोलनों को बङी ही आमानवीय तरीके से कुचलने का अभियान चलाया और अपने पूरे पाँच साल के शासनकाल में किसी भी बी. एड. टेट उत्तीर्ण बेरोजगार को स्वेच्छा से रोजगार नही दिया। और जितने भी इनके जिम्मेदार पार्टी प्रवक्ता सपा के कहते रहे हैं कि सपा ने 72825 भर्ती को कराया है तो वो राजनीति का दल्ला झूठ बोल रहा है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को यह रहस्य जानने का विचार हो तो वो हाईकोर्ट इलाहाबाद से लेकर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में केवल मात्र वकीलों के चैम्बर में जाकर 72825 भर्ती व बी. एड. टेट उत्तीर्ण योग्य अभ्यर्थी के उत्पीड़न की करुण कहानी पर चर्चा छेङकर पता लगा सकता है और मैं चुनौती देता हुँ कि वो मुझे झूठा साबित कर दें। सपा सरकार ने बसपा सरकार से भी कहीं ज्यादा भीषण अत्याचार व उत्पीड़न बी. एड. टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों का किया और इलाहाबाद लाठी चार्ज कांड में सैकड़ों गरीब लाचार टेट उत्तीर्ण लोगो पर बेरहमी से लाठियाँ चलवाई और बहुत से टेट उत्तीर्ण साथियों को विभिन्न धाराओं में फर्जी मुकदमे लगाकर पुरुषों तथा यहाँ तक की महिलाओं पर अमानवीय यातनाएं दी। बहुत से लोगों का आज तक पता ही नही चला कि वो पुलिसिया कारवाई में मर गये कि जिन्दा हैं। इतना सब होने के बावजूद भी यूँवा मुख्यमंत्री ने सरकार जाते जाते बी. एड. टेट उत्तीर्ण वालो के लिए कुछ नही किया। इसके ठीक विपरीत अयोग्य अवैध शिक्षा मित्रों को बेसिक शिक्षा विभाग में 3500 रु. मानदेय सविंदा से उठाकर 35000 रुपये की मासिक वेतन देकर स्थाई शिक्षक का पद मुफ्त में दे दिया। भारी तादाद में 1.72 लाख सविंदा कर्मियों को स्थाई शिक्षक सारे नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर समायोजन किया गया। भला हो हाईकोर्ट इलाहाबाद के विद्वान पवित्र जज डॉ डी. वाई. चन्द्रचूड जी का जिन्होंने शिक्षा मित्रों के अनैतिक अवैध समायोजन का कानून की कसौटी पर कसकर रद्द कर डाला और इनका समायोजन अवैध नाजायज करार दिया गया। शिक्षा मित्रों की अयोग्यता, अनैतिकता का पता इसी बात से लगा सकते हैं कि इन्होने समायोजन रद्द होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ डी. वाई. चन्द्रचूड का सार्वजनिक रूप से खुलेआम जुलूस निकालकर पुतला जलाया और न्यायपालिका मुर्दाबाद के नारे लगाये और ये सारा तमाशा सपा सरकार की पुलिस के सामने कई दिनो तक चलता रहा फिर भी किसी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। किस प्रकार से शिक्षा मित्र न्यायपालिका की मर्यादा को तार तार कर रहे थे और भारत के संविधान व भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका का अपमान कर रहे थे। सपा सरकार सारा तमाशा तमाशबीन बनकर देखती रही। अंत में ठीक अभी सपा सल्तनत का विनाश किस प्रकार से हुआ उसका ताजा उदाहरण आप उत्तर प्रदेश के समस्त निवासियों आपके सामने है। गरीब, लाचार, बी. एड. टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों की भूँखी नंगी अंतर की आत्मा सपा की जङों को चाट चाट कर नष्ट भ्रष्ट कर डाली। अबकी चुनाव में भी 3 लाख बी. एड. टेट उत्तीर्ण समुदाय ने भंयकर रूप से सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करते हुए सपा बसपा के विरुद्ध लामबंद होकर खुलकर विरोध किया और सपा बसपा की जङों को अंहकार को विनाश कर डाला।
तत्काल वर्तमान में वैसे भाजपा बी. एड. टेट उत्तीर्ण समुदाय के प्रति सकारात्मक है परन्तु उसने 1.72 लाख शिक्षा मित्रों का अनैतिक ढंग से एकतरफा पक्ष लिया तो यह बात दावे के साथ कह सकता हुँ कि सन् 2019 में भाजपा का ऐसा अंत होगा कि जिसकी भाजपा संसदीय दल की टीमो ने कल्पना नही की होगी। यह परम सत्य है कि गरीब लाचार बेरोजगार भूखे मजलूमों की हाय, आघाय साँस बङी से बङी रियासतों, सल्तनतों का विनाश कर देती है। जै काशी विश्वनाथ जै महाकाल जै मोदीराज
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