latest updates

latest updates

नयी सरकार और शिक्षामित्र: वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में प्रदेश के शिक्षामित्र अनेक तरह के लगा रहे कयास

नयी सरकार और शिक्षामित्र : यद्यपि शिक्षामित्रों का मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है फिर भी वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में प्रदेश के शिक्षामित्र अनेक तरह के कयास लगा रहा है। ये सत्य है की पिछली सरकार ने लगभग सभी अवसर पर सहयोगात्मक रवैया अपनाया था।
मेरा व्यक्तिगत आकलन है की चुनाव के दौरान लगभग सभी राजनैतिक दलों ने शिक्षामित्रों की समस्या के प्रति सहानुभूति दिखाई है । अब जबकि यूपी में बीजेपी को अप्रत्याशित और अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हो चुकी है तो इसमें शिक्षामित्रों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष योगदान न होना ऐसा कोई नहीं कह सकता। हमें सबसे अधिक भरोसा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर रखना चाहिए जिन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के  विपरीत फैसले के बाद एक एक कर काल-कवलित हो रहे समायोजित शिक्षामित्रों को देखकर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में खुले मंच पर शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया था की 'शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी है' हमें नहीं लगता की प्रधानमंत्री जी या वर्तमान में सत्तारूण होने जा रही बीजेपी के बड़े नेता प्रधानमंत्री जी के शब्दों की अनदेखी कर पाएंगे। अब बात करें आगामी ७ अप्रैल की सुनवाई की तबतक यूपी में नयी सरकार अपना काम पूर्ण रूप से सम्भाल चुकी होगी पिछले अनुभवों को देखते हुए कोई भी सरकार नहीं चाहेगी की सत्ता  सँभालते ही सुप्रीम कोर्ट से कोई ऐसा फैसला आये जिससे की प्रदेश में हाहाकार मचे  और देश ही नहीं विदेशों में भी किरकिरी हो इसलिए इस केस की भली-भांति  पैरवी करके और अधिक आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। अपनी बात बस इन्ही शब्दों के साथ समाप्त करते हैं की परिवर्तन प्रकृति का नियम है और सभी परिस्थितियों में शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

latest updates