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अब प्रदेश की सत्ता बीजेपी के हाथों आ चुकी , हम बीएड टेट 2011 का भी इसमे योगदान

साथियों अब प्रदेश की सत्ता बीजेपी के हाथों आ चुकी , हम बीएड टेट 2011 का भी इसमे योगदान है , और हमें इस पार्टी से उम्मीद भी बहुत है , इस समय प्रत्येक याचि को एक्टिव होना होगा , अपने अधिकार के प्रति , आपकी लड़ाई आपको स्वयं लड़नी है , आप खुद आगे आएं , यही समय की मांग है , आप अगर स्वयं एक्टिव न
हुए तो दूसरा आपका भला नहीं करेगा सिर्फ धोखा करने के , आपको समस्या है तो हल भी खुद ढूंढना होगा , अपने को संघटित करना होगा , और संघटित तरीक़े से अपनी बात इस नयी सत्ता तक पहुचानी होगी , आपका विरोधी भी सक्रिय हो चुका है , आपको भी बहुत सक्रिय होना होगा , अब समय है एक उत्तम राजनितिक प्रयास का , साथ ही साथ इससे भी बढ़कर उत्तम प्रयास अपनी सुनबाई के लिए तो करना ही करना है , क्योंकि एक बात ये है कि शिक्षा मित्र सरकारी संविदा कर्मचारी है , और आप अभी संघर्षरत याचि , हो सकता है आपसे पहले उनकी समस्या को सुना जाए , कंही न कंही हमारी समस्या मे सरकार की अहम भूमिका है जो उसको सुलझा सकती है , कहने को न्यायपालिका बहुत कुछ है , पर कुछ मामले ऐसे हो जाते हैं , कि उनमे बिना कार्यपालिका के सहयोग के आगे बढ़ पाना मुश्किल होता है , हमें तो प्रयास सत्ता रुपी और कोर्ट रुपी दोनों करने पड़ेंगे तभी होगा , और एक बात हमारी समस्या ऐसी है कि बिना हमें सुने उसका हल नहीं निकल सकता , शिक्षा मूत्र कितना भी जोर लगा लें एकतरफा माहौल बनाने की जो हम होने नहीं देंगे , वैसे बीजेपी को हमारा दर्द मालूम है , केशव प्रशाद मौर्या जी खुद इस पर राज्य सभा मे अपना मुद्दा उठा चुके हैं , जो हो सकता है भावी मुख्या मंत्री भी हों प्रदेश के , हाँ इन सब प्रयास के बीच हमें अपने कोर्ट रूपी प्रयास मे कोई ढिलाई नहीं करनी , इसके लिए भी हमें आर्थिक रूप से मजबूत रहना है , अभी कुछ महीनों पूर्व go के नाम पर धन एकत्र हुआ था जो go निकलवाने के लिए हमारे याचीलाभ पाये भाई जीतेन्द्र सिंह सेंगर को दिया गया था , पर भाइयों go तो आया नहीं , लेकिन वो लाखों रुपए अभी भी सेंगर के पास पड़ा है , उस रुपये को लेने का दबाव भी आपको ही बनाना है क्योंकि वो आपका पैसा है , यही पैसा हमें आगे अपनी पैरवी मे सहयोग करेगा और आर्थिक रूप से मजबूत , और हो सकता है फिर हमें अपने याचियों से नए सहयोग की जरूरत न पड़े , इस पर आप लोग जल्द निर्णय लें कि ये पैसा किस तरह से वापस लिया जाए , वैसे ये काम मुश्किल नहीं , अगर हम मे से 100-50 लोग भी उसके घर जाकर इस पैसे को देने का दबाव बनाए , वैसे सेंगर का पता भी बहुत आसानी से मिलेगा , और उसके स्कूल का भी , धर दबोचो वंही पर जहाँ भी मिले , सीधे से दे तो ठीक नहीं तो और भी तरीके हैं पैसा वापस करने के , वो भी आजमाए जाएंगे , क्योंकि ये पैसा किसी अकेले की जागीर नहीं , हम सब याचियों की मेहनत का पैसा है , जागो याचि भाइयों और इस पैसे को निकलवाने के लिए प्रयास करो , वर्ना ये आर्थिक कमजोरी आपको कमजोर करेगी , कोर्ट रुपी लड़ाई के लिए , सभी याचि अपने विचार दें, और अति शीघ्र बताएं ।
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