*सुप्रीम कोर्ट हलचल (समीक्षा)* :-*उ. प्र. के समस्त पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सह्रदय नमन*...
मित्रो, जैसा कि भारतीय संविधान में भारतीय नागरिकों को खुशहाल जीवन जीने हेतु बहुतायत कानून बनायें गयें हैं..
उक्त के क्रम.. अपने मुकदमा पर, इलाहाबाद हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने 12 सितम्बर को एक पक्षीय, मानवीय हित, प्राकृतिक न्याय के विपरीत.. पौने दो लाख शिक्षामित्रों के लिए प्राणघातीयुक्त फैसला देने के क्रम में.. 60/- शिक्षामित्रों की कुर्बानी के पश्चात, मौत का कुआं के नाम से चर्चित हो रही चन्द्र चूड़ पीठ पर, दिनांक - 07 दिसम्बर को माननीय शीर्ष अदालत की माननीय जज श्री दीपक मिश्रा जी की पीठ ने शिक्षामित्रों के शहीद होने के क्रम में अल्प विराम लगा दिया था..
उक्त के क्रम में विरोधियों के कथनानुसार, त्रिपुरा मांडल पर एक पक्षीय निर्णय देने के पश्चात स्लाटर हाउस के नाम पर चर्चित गोयल सर की पीठ ने, वास्तविक रुप से दिनांक 02 मई को लंच पश्चात सुनवाई प्रारम्भ कर दी..
उक्त तिथि को केवल स्टेट के वकीलों को तथा विरोधियों के वकीलों को ही दुर्भाग्यवश बहस करने का ही अवसर मिल सका..
राज्य सरकार की मंशा.. हमारे पक्ष में, समायोजन बचाने की पूरी थी.. लेकिन अभी अभी नये नवेले अपर महाधिवक्ता, उ. प्र. सरकार के बने.. श्री अजय मिश्रा जी.. अपने अल्प जानकारी के अभाव में, माननीय जज साहब को पूर्णतया संतुष्ट न होने के कारण.. नकारात्मक टिप्पणी होने से प्रदेश के पौने दो लाख बेबस पीड़ित शिक्षामित्रों के खेमें में शोक छा गया.. और उक्त कष्ट रुपी ज्वाला को दहकाने का दु:साहस किया हिन्दुस्तान दैनिक समाचार पत्र ने.. जिसका परिणाम यह हुआ कि दिनांक 03 मई की सुबह हमारे 05 निर्दोष बेबस पीड़ित शिक्षामित्र मौत के आघोष में सो चुके थे.. जिसका मित्रों.. हम सभी को असीम वेदनाएं.. प्रभु... उक्त परिवार जीने के लिए असीम सहन शक्ति दे...
मित्रों.. दिनांक -02 मई को.. शाम से मची अफरा तफरी से हर शिक्षामित्र.. अपने जीवन में, अंधकार होता देख असीम संकटों से घिर गया.. बहुत से हमारे शिक्षामित्र, मानों जैसे अपना सब कुछ खो बैठों हो, यह सोच कर रोने भी लगें...
बहरहाल.. हम अपने तरफ से पैरवी कर रहे सभी सक्रिय शिक्षामित्र संगठनों का शुक्रिया अदा करें कि.. सभी ने.. अंधभक्ति त्यागकर.. एक दूसरे की पूर्ण मदद की.
जिसका पूर्ण प्रभाव दिनांक -03 मई को, माननीय गोयल सर की बेंच में दिखा.. पक्ष के सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं के.. वरिष्ठता के क्रम में पहले सुप्रीमों वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राम जेठ मलानी साहब ने मोर्चा सँभाला..
मलानी सर ने.. 02 मई को.. 05 निर्दोष शिक्षामित्रों के आत्महत्या करने के बारे में , गोयल सर की पीठ को दी.. और कहा.. माई लार्ड.. आपकी नकारात्मक टिप्पणी से पांच शिक्षामित्रों ने आत्महत्या करली हैं.. इसका दोषी हिन्दुस्तान अखबार भी हैं.. जज साहब ने संवेदना प्रकट करने के पश्चात.. आगे बहस करने को कहा...
मित्रों.. मलानी सर..ने.. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश की खामियाँ गिनाते हुए आर्टिकल -142 के तहत.. मानवीय हित को देखते हुए.. समायोजन बहाली हेतु आग्रह कियें..
मलानी सर ने कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर. हमारे पक्ष में.. बहस की.. जिससे सुनकर.. जज साहब संतुष्ट नजर आयें.. मित्रों.. लगभग 1:30 घंटें.. के बहस से अपने बिगड़े केश को पटरी पर लाकर.. संतुलित कर दिया.. विरोधी खेमा शान्त था..
उक्त के क्रम में.. माननीय भूषण सर ने भारतीय संविधान ने निहित प्राकृतिक न्याय पर बहस की.. जिस पर जज महोदय.. अपनी स्वीकृति देते रहे..
कुल मिलाकर.. दिनांक 03 मई शिक्षामित्रों का दिन शुभ रहा..
इस समय.. स्थिति बराबर है.. जज महोदय जी की सोच लगभग सकारात्मक दिख रही है..
वश मित्रों.. इसे सकारात्मक परिणाम में परिवर्तनशील होना रह गया है..
जो अग्रिम दिनांक 5,8,9 मई के लंच बाद का छ: घंटें.. इतिहास रचने के लिए बेचैन हैं..
जो मित्रों कभी सम्भव हो सकता है.. जब हमारे पौने दो लाख शिक्षामित्र व अपने पक्ष के सभी संगठनों के पदाधिकारियों. ..अपनी अंधभक्ति को.. केवल 09 मई तक त्याग करके.. करो या मरों का नारा देते हुए.. पुन: उक्त सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं की एक साथ ब्रीफिंग कराके डट जायें.. तो मित्रों यकीन करों.. आपको दुनिया की कोई अदालत नही है.. जो.. आपके 15 वर्षों की अटूट सेवा, पौने दो लाख शिक्षामित्रों का.. इतना बड़ा समूह ..को नकार नही सकता है..
उक्त के साथ साथ.. आपकों हटाने के लिए.. मानवीय हित, प्राकृतिक न्याय.. सभी को इग्नोर करना होगा..
जो असम्भव है...
अतएव.. शिक्षामित्रों की तरफ से सभी पैरवीकारों से विनम्रता पूर्वक आग्रह है कि कृपया पौने दो लाख शिक्षामित्रों के हित के लिए.. अंधभक्ति को परित्याग कर संयुक्त रुप में.. आगामी सुनवाई तिथि हेतु ईमानदारी से तैयारी करें.. जीत हम लोगों की शत प्रतिशत सुनिश्चित हैं..
उक्त के साथ
जय हिंद
जय शिक्षामित्र
जय महाबली बजरंगी.. ⛳⛳
आग्रहकर्ता
*पौने दो लाख शिक्षामित्र गण*
द्वारा
*प्रदीप पाल*
*जिला मीडिया प्रभारी*
*जिला संगठन ASSWA इलाहाबाद*
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
मित्रो, जैसा कि भारतीय संविधान में भारतीय नागरिकों को खुशहाल जीवन जीने हेतु बहुतायत कानून बनायें गयें हैं..
- 8 मई को ही शिक्षामित्र मैटर में conclusion के साथ आर्डर रिज़र्व
- सुप्रीम कोर्ट अपडेट : राम जेठ मालानी,शांति भूषण के चलते बहुत कुछ शिक्षामित्रों के नुकसान की भरपाई
- माननीय डी0बाई चंद्रचूड़ का सत्य का आदेश एक तरफ और सभी झूठ की ताकतें एक तरफ
- Court Updates : अगली सुनवाई पर भर्ती का निकाला गया विज्ञापन पेश करने का आदेश
- माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड बैकफुट पर बैरंग लौटे सदस्य
- शिक्षा मित्र ने की आत्महत्या , नौकरी जाने की आशंका के कारण
उक्त के क्रम.. अपने मुकदमा पर, इलाहाबाद हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने 12 सितम्बर को एक पक्षीय, मानवीय हित, प्राकृतिक न्याय के विपरीत.. पौने दो लाख शिक्षामित्रों के लिए प्राणघातीयुक्त फैसला देने के क्रम में.. 60/- शिक्षामित्रों की कुर्बानी के पश्चात, मौत का कुआं के नाम से चर्चित हो रही चन्द्र चूड़ पीठ पर, दिनांक - 07 दिसम्बर को माननीय शीर्ष अदालत की माननीय जज श्री दीपक मिश्रा जी की पीठ ने शिक्षामित्रों के शहीद होने के क्रम में अल्प विराम लगा दिया था..
उक्त के क्रम में विरोधियों के कथनानुसार, त्रिपुरा मांडल पर एक पक्षीय निर्णय देने के पश्चात स्लाटर हाउस के नाम पर चर्चित गोयल सर की पीठ ने, वास्तविक रुप से दिनांक 02 मई को लंच पश्चात सुनवाई प्रारम्भ कर दी..
उक्त तिथि को केवल स्टेट के वकीलों को तथा विरोधियों के वकीलों को ही दुर्भाग्यवश बहस करने का ही अवसर मिल सका..
राज्य सरकार की मंशा.. हमारे पक्ष में, समायोजन बचाने की पूरी थी.. लेकिन अभी अभी नये नवेले अपर महाधिवक्ता, उ. प्र. सरकार के बने.. श्री अजय मिश्रा जी.. अपने अल्प जानकारी के अभाव में, माननीय जज साहब को पूर्णतया संतुष्ट न होने के कारण.. नकारात्मक टिप्पणी होने से प्रदेश के पौने दो लाख बेबस पीड़ित शिक्षामित्रों के खेमें में शोक छा गया.. और उक्त कष्ट रुपी ज्वाला को दहकाने का दु:साहस किया हिन्दुस्तान दैनिक समाचार पत्र ने.. जिसका परिणाम यह हुआ कि दिनांक 03 मई की सुबह हमारे 05 निर्दोष बेबस पीड़ित शिक्षामित्र मौत के आघोष में सो चुके थे.. जिसका मित्रों.. हम सभी को असीम वेदनाएं.. प्रभु... उक्त परिवार जीने के लिए असीम सहन शक्ति दे...
मित्रों.. दिनांक -02 मई को.. शाम से मची अफरा तफरी से हर शिक्षामित्र.. अपने जीवन में, अंधकार होता देख असीम संकटों से घिर गया.. बहुत से हमारे शिक्षामित्र, मानों जैसे अपना सब कुछ खो बैठों हो, यह सोच कर रोने भी लगें...
बहरहाल.. हम अपने तरफ से पैरवी कर रहे सभी सक्रिय शिक्षामित्र संगठनों का शुक्रिया अदा करें कि.. सभी ने.. अंधभक्ति त्यागकर.. एक दूसरे की पूर्ण मदद की.
जिसका पूर्ण प्रभाव दिनांक -03 मई को, माननीय गोयल सर की बेंच में दिखा.. पक्ष के सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं के.. वरिष्ठता के क्रम में पहले सुप्रीमों वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राम जेठ मलानी साहब ने मोर्चा सँभाला..
मलानी सर ने.. 02 मई को.. 05 निर्दोष शिक्षामित्रों के आत्महत्या करने के बारे में , गोयल सर की पीठ को दी.. और कहा.. माई लार्ड.. आपकी नकारात्मक टिप्पणी से पांच शिक्षामित्रों ने आत्महत्या करली हैं.. इसका दोषी हिन्दुस्तान अखबार भी हैं.. जज साहब ने संवेदना प्रकट करने के पश्चात.. आगे बहस करने को कहा...
मित्रों.. मलानी सर..ने.. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश की खामियाँ गिनाते हुए आर्टिकल -142 के तहत.. मानवीय हित को देखते हुए.. समायोजन बहाली हेतु आग्रह कियें..
मलानी सर ने कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर. हमारे पक्ष में.. बहस की.. जिससे सुनकर.. जज साहब संतुष्ट नजर आयें.. मित्रों.. लगभग 1:30 घंटें.. के बहस से अपने बिगड़े केश को पटरी पर लाकर.. संतुलित कर दिया.. विरोधी खेमा शान्त था..
उक्त के क्रम में.. माननीय भूषण सर ने भारतीय संविधान ने निहित प्राकृतिक न्याय पर बहस की.. जिस पर जज महोदय.. अपनी स्वीकृति देते रहे..
कुल मिलाकर.. दिनांक 03 मई शिक्षामित्रों का दिन शुभ रहा..
इस समय.. स्थिति बराबर है.. जज महोदय जी की सोच लगभग सकारात्मक दिख रही है..
वश मित्रों.. इसे सकारात्मक परिणाम में परिवर्तनशील होना रह गया है..
जो अग्रिम दिनांक 5,8,9 मई के लंच बाद का छ: घंटें.. इतिहास रचने के लिए बेचैन हैं..
जो मित्रों कभी सम्भव हो सकता है.. जब हमारे पौने दो लाख शिक्षामित्र व अपने पक्ष के सभी संगठनों के पदाधिकारियों. ..अपनी अंधभक्ति को.. केवल 09 मई तक त्याग करके.. करो या मरों का नारा देते हुए.. पुन: उक्त सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं की एक साथ ब्रीफिंग कराके डट जायें.. तो मित्रों यकीन करों.. आपको दुनिया की कोई अदालत नही है.. जो.. आपके 15 वर्षों की अटूट सेवा, पौने दो लाख शिक्षामित्रों का.. इतना बड़ा समूह ..को नकार नही सकता है..
उक्त के साथ साथ.. आपकों हटाने के लिए.. मानवीय हित, प्राकृतिक न्याय.. सभी को इग्नोर करना होगा..
जो असम्भव है...
अतएव.. शिक्षामित्रों की तरफ से सभी पैरवीकारों से विनम्रता पूर्वक आग्रह है कि कृपया पौने दो लाख शिक्षामित्रों के हित के लिए.. अंधभक्ति को परित्याग कर संयुक्त रुप में.. आगामी सुनवाई तिथि हेतु ईमानदारी से तैयारी करें.. जीत हम लोगों की शत प्रतिशत सुनिश्चित हैं..
उक्त के साथ
जय हिंद
जय शिक्षामित्र
जय महाबली बजरंगी.. ⛳⛳
आग्रहकर्ता
*पौने दो लाख शिक्षामित्र गण*
द्वारा
*प्रदीप पाल*
*जिला मीडिया प्रभारी*
*जिला संगठन ASSWA इलाहाबाद*
- सरकार बताये, 2013 UPTET में मानदंडों का क्यों नही किया पालन
- शिक्षा मित्र केस - 03 मई को सुप्रीम कोर्ट में चली बहस का आंखों देखा हाल
- TRANSFER, POLICY, GOVERNMENT ORDER : सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति
- Shikshamitra News: शिक्षामित्रों पर 9 मई तक सुनवाई, कल पूरी न हो सकी बहस
- SHIKSHAMITRA: शिक्षामित्रों ने रखा अपना पक्ष, कल फिर होगी सुनवाई
- 9342 LT GRADE: एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए अब लिखित परीक्षा: पलटा जायेगा अखिलेश राज का एक और फैसला
- कई आइएएस अफसरों के हुए तबादले, देखें सूची
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 Comments