भविष्य में निजी स्कूल महंगाई भत्ते में होने वाले इजाफे से ज्यादा फीस वृद्धि नहीं कर सकेंगे। न ही वे छात्रों से कैपिटेशन फीस वसूल सकेंगे।
आदि खरीदने के लिए बाध्य भी नहीं कर सकेंगे। छात्रों पर शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम थोपा नहीं जाएगा बल्कि यह वैकल्पिक रहेगा। निजी स्कूलों को छात्रों से लिये जाने वाले शुल्क को अधिसूचित (सार्वजनिक) करना होगा। अधिसूचित फीस से ज्यादा शुल्क वसूलने पर स्कूल पर पांच लाख रुपये तक आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। यदि फिर भी अनियमितता मिली तो स्कूल की मान्यता/संबद्धता/अनापत्ति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया जाएगा।1निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना योगी सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में शुमार है। यह भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र का हिस्सा भी है। शासन के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों में लागू अधिनियमों का अध्ययन कर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक, 2017 का प्रारूप तैयार कर शासन को भेज दिया है।
प्रवेश शुल्क बार-बार नहीं : सिर्फ प्ले ग्रुप या कक्षा-एक में ही प्रवेश शुल्क लिया जा सकता है। कक्षा-नौ और कक्षा-11 में पुन: प्रवेश शुल्क लिया जा सकता है। पहले प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों के लिए फीस में वृद्धि महंगाई भत्ते की सीमा तक ही की जा सकती है। बीच की कक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों से नयी दरों पर निर्धारित शुल्क लिया जा सकता है। निर्धारित फीस एक शैक्षिक सत्र तक यथावत रहेगी।
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आदि खरीदने के लिए बाध्य भी नहीं कर सकेंगे। छात्रों पर शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम थोपा नहीं जाएगा बल्कि यह वैकल्पिक रहेगा। निजी स्कूलों को छात्रों से लिये जाने वाले शुल्क को अधिसूचित (सार्वजनिक) करना होगा। अधिसूचित फीस से ज्यादा शुल्क वसूलने पर स्कूल पर पांच लाख रुपये तक आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। यदि फिर भी अनियमितता मिली तो स्कूल की मान्यता/संबद्धता/अनापत्ति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया जाएगा।1निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना योगी सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में शुमार है। यह भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र का हिस्सा भी है। शासन के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों में लागू अधिनियमों का अध्ययन कर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक, 2017 का प्रारूप तैयार कर शासन को भेज दिया है।
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