मध्यप्रदेश की तरह अब उत्तरप्रदेश में भी शिक्षकों की भर्ती टालने का तकरीब पर सरकार का काम शुरू हो गया है। सरकार ऐसे स्कूलों को बंद करने वाली है जहां छात्रों की संख्या 20 से कम है। इन स्कूलों के टीचर्स का ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक योगी ने कहा, ऐसे विद्यालयों को बंद करके वहां के छात्रों को नजदीकी विद्यालयों में समायोजन करने पर विचार किया जाए। इस व्यवस्था के फलस्वरूप उपलब्ध अतिरिक्त शिक्षकों को जरूरतमंद विद्यालयों में समायोजित किया जाए।उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न प्रदेशों द्वारा अपनायी जा रही अच्छी एवं पारदर्शी कार्य पद्धतियों को उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाएगा। तकनीक के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार को समाप्त करने पर बल दिया जाए।
अभ्यर्थियों की बढ़ी टेंशन
प्राइमरी शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के अरमानों को झटका लगने वाला है। वहीं बीएड व बीटीसी कर रहे छात्र भी परेशान हैं। बीएड अभ्यर्थी अनुराग कुमार के मुताबिक योगी सरकार आने पर रोजगार की उम्मीद बढ़ी थी। हम उम्मीद कर रहे थे सरकार प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती करेगी लेकिन योगी जी का बयान चौंकाने वाला है। नए शिक्षक नहीं भर्ती किए जाएंगे तो हमें कैसे रोजगार मिलेगा।
कम नहीं है शिक्षक, सरप्लस हैं: अनुपमा जायसवाल
बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल का भी कहना है कि शिक्षकों की पूरे प्रदेश में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। कई स्कूलों में सरप्लस शिक्षक हैं। उन्हें वहां से ट्रांसफर कर उन स्कूलों में भेजे जाने पर सरकार विचार कर रही है जहां शिक्षक कम हैं। लगभग 65 हजार शिक्षक सरप्लस हैं।
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सूत्रों के मुताबिक योगी ने कहा, ऐसे विद्यालयों को बंद करके वहां के छात्रों को नजदीकी विद्यालयों में समायोजन करने पर विचार किया जाए। इस व्यवस्था के फलस्वरूप उपलब्ध अतिरिक्त शिक्षकों को जरूरतमंद विद्यालयों में समायोजित किया जाए।उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न प्रदेशों द्वारा अपनायी जा रही अच्छी एवं पारदर्शी कार्य पद्धतियों को उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाएगा। तकनीक के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार को समाप्त करने पर बल दिया जाए।
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