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शिक्षामित्रों को मूल पद पर क्यों नहीं वापस कर रहे हैं: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक पद पर समायजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों को फिर उनके मूल पद या मूल तैनाती स्थल भेजने के आदेश के अनुपालन को लेकर दाखिल याचिका पर बेसिक शिक्षा विभाग और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने प्रभात कुमार वर्मा व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी व अनिल सिंह बिसेन को सुनकर दिया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद सरकार ने शिक्षामित्रों को उनके मूल तैनाती वाले स्थल या जहां वे सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित थे, वहीं काम करने का विकल्प देने का आदेश दिया था लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। शासन ने शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर 10 हजार रुपये मानदेय या11 माह के लिए उनके मूल तैनाती स्थल, मौजूदा तैनाती स्थल या जहां वे चाहें, वहां समायोजित करने को कहा था। याचिका में आरोप है कि शिक्षामित्रों को उनके मूल पद या मूल तैनाती स्थल भेजने के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इससे शिक्षामित्रों को समायोजित विद्यालय में ही काम करना पड़ रहा है, जो उनके घरों से काफी दूर हैं। मानदेय कम होने के कारण शिक्षमित्रों को आवागमन में परेशानी हो रही है।

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