इलाहाबाद : आखिरकार वही हुआ। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन अब इस साल होने के आसार नहीं हैं, बल्कि दोनों आयोग नए साल में ही अस्तित्व में आने की उम्मीद है।
‘दैनिक जागरण’ ने 20 नवंबर के अंक में ‘अध्यक्ष व सदस्यों के आवेदन की बढ़ेगी मियाद’ खबर प्रमुखता प्रकाशित की थी। शासन ने दोनों आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों के लिए आवेदन करने की समय सीमा बढ़ा दी है। पहले आवेदन की समय सीमा 16 नवंबर तक रही है।
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्राचार्य, प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर व स्नातक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया ठप है। इसकी वजह दोनों आयोगों में अध्यक्ष व अधिकांश सदस्यों के इस्तीफे से बोर्ड ही नहीं रह गया है। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही शासन ने 26 अक्टूबर को दोनों आयोगों का विज्ञापन जारी करके आवेदन मांगे थे। इसकी अंतिम तारीख 16 नवंबर तय हुई थी। इस दौरान तमाम आवेदन शिक्षा महकमे में पहुंचे भी हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार मिले आवेदनों को पर्याप्त नहीं माना गया।
अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने दोनों आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों के लिए आवेदन करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब 11 दिसंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसके बाद मिले आवेदन मान्य नहीं होंगे। ज्ञात हो कि चयन बोर्ड में एक अध्यक्ष व दस सदस्य जिनमें से दो अपर शिक्षा निदेशक स्तर के तथा उच्चतर आयोग में एक अध्यक्ष व चार सदस्यों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसकी कार्यावधि, आयु व अर्हता आदि का जिक्र 26 अक्टूबर के विज्ञापन में विस्तार से किया गया है। साथ ही इसे वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने जारी निर्देश में यह भी कहा है कि जिन लोगों ने बीते 16 नवंबर तक इन पदों के लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है, पहले मिले आवेदन ही मान्य होंगे। 1इन पदों की समय सीमा बढ़ने से अब दोनों आयोगों का फिर से गठन इस वर्ष होने की उम्मीद नहीं है, बल्कि नए साल में ही यह अस्तित्व में आएंगे। साथ ही इन पदों पर काबिज होने वालों की संख्या में और वृद्धि होने के पूरे आसार हैं। उधर, अधीनस्थ सेवा आयोग उप्र लखनऊ के लिए पहले ही आवेदन लेने का कार्य पूरा हो चुका है। संभव है कि तीनों आयोग एक साथ संचालित किए जाएं।
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‘दैनिक जागरण’ ने 20 नवंबर के अंक में ‘अध्यक्ष व सदस्यों के आवेदन की बढ़ेगी मियाद’ खबर प्रमुखता प्रकाशित की थी। शासन ने दोनों आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों के लिए आवेदन करने की समय सीमा बढ़ा दी है। पहले आवेदन की समय सीमा 16 नवंबर तक रही है।
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्राचार्य, प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर व स्नातक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया ठप है। इसकी वजह दोनों आयोगों में अध्यक्ष व अधिकांश सदस्यों के इस्तीफे से बोर्ड ही नहीं रह गया है। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही शासन ने 26 अक्टूबर को दोनों आयोगों का विज्ञापन जारी करके आवेदन मांगे थे। इसकी अंतिम तारीख 16 नवंबर तय हुई थी। इस दौरान तमाम आवेदन शिक्षा महकमे में पहुंचे भी हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार मिले आवेदनों को पर्याप्त नहीं माना गया।
अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने दोनों आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों के लिए आवेदन करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब 11 दिसंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसके बाद मिले आवेदन मान्य नहीं होंगे। ज्ञात हो कि चयन बोर्ड में एक अध्यक्ष व दस सदस्य जिनमें से दो अपर शिक्षा निदेशक स्तर के तथा उच्चतर आयोग में एक अध्यक्ष व चार सदस्यों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसकी कार्यावधि, आयु व अर्हता आदि का जिक्र 26 अक्टूबर के विज्ञापन में विस्तार से किया गया है। साथ ही इसे वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने जारी निर्देश में यह भी कहा है कि जिन लोगों ने बीते 16 नवंबर तक इन पदों के लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है, पहले मिले आवेदन ही मान्य होंगे। 1इन पदों की समय सीमा बढ़ने से अब दोनों आयोगों का फिर से गठन इस वर्ष होने की उम्मीद नहीं है, बल्कि नए साल में ही यह अस्तित्व में आएंगे। साथ ही इन पदों पर काबिज होने वालों की संख्या में और वृद्धि होने के पूरे आसार हैं। उधर, अधीनस्थ सेवा आयोग उप्र लखनऊ के लिए पहले ही आवेदन लेने का कार्य पूरा हो चुका है। संभव है कि तीनों आयोग एक साथ संचालित किए जाएं।
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