राजेश्वर सिंह ’ भुजौली बाजार, कुशीनगर1सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिए जाने के बाद भी वे शिक्षक के रूप में तैनाती स्थल पर ही कार्य कर रहे हैं।
शासन ने उनके लिए 2484 हजार मानदेय तो निर्धारित कर दिया, लेकिन उन्हें मूल तैनाती स्थल पर लौटने की दिशा में कोई ठोस उपाय नहीं किया। इससे जनपद के 10 हजार से अधिक शिक्षामित्रों की परेशानियां बढ़ गई है। सवाल यह उठ रहा है कि जब शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर वापस कर दिया गया तो मूल तैनाती स्थल पर वापस क्यों नहीं भेजा जा रहा। शिक्षामित्रों का चयन अपने ही गांव के विद्यालयों *शिक्षामित्र समचार मंच कौशाम्बी*में शिक्षण कार्य के लिए किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के करीब चार माह बीत गए और अब तक सरकार शिक्षामित्रों को मूल तैनाती स्थल पर भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। 38 हजार वेतन की जगह अब 10 हजार मानदेय दिया जा रहा है, इस तरह उनको दोहरी क्षति उठानी पड़ रही है। कम पैसे में उन्हें अपने गांव से 50 से 70 किमी दूर ड्यूटी करने जाना पड़ रहा है। शिक्षक के रूप में मिलने वाले वेतन के भरोसे वे तैनाती स्थल पर पत्नी व बच्चों के साथ रह लेते थे।’ समायोजन निरस्त होने के बाद उसी जगह है तैनाती1’ 38 हजार वेतन की जगह मिल रहा 10 हजार मानदेयमूल तैनाती स्थल पर भेजने का नहीं आया निर्देश1जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने कि शिक्षामित्रों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के लिए शासन से कोई निर्देश नहीं मिला है। पुरानी तैनाती व्यवस्था के तहत ही उनसे कार्य लिया ज रहा है। शासन का निर्देश आने पर ही तैनाती स्थल में फेर बदल किया जाएगा। तब तक शिक्षामित्रों को पुरानी तैनाती के तहत ही कार्य करना पड़ेगा।
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शासन ने उनके लिए 2484 हजार मानदेय तो निर्धारित कर दिया, लेकिन उन्हें मूल तैनाती स्थल पर लौटने की दिशा में कोई ठोस उपाय नहीं किया। इससे जनपद के 10 हजार से अधिक शिक्षामित्रों की परेशानियां बढ़ गई है। सवाल यह उठ रहा है कि जब शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर वापस कर दिया गया तो मूल तैनाती स्थल पर वापस क्यों नहीं भेजा जा रहा। शिक्षामित्रों का चयन अपने ही गांव के विद्यालयों *शिक्षामित्र समचार मंच कौशाम्बी*में शिक्षण कार्य के लिए किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के करीब चार माह बीत गए और अब तक सरकार शिक्षामित्रों को मूल तैनाती स्थल पर भेजने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। 38 हजार वेतन की जगह अब 10 हजार मानदेय दिया जा रहा है, इस तरह उनको दोहरी क्षति उठानी पड़ रही है। कम पैसे में उन्हें अपने गांव से 50 से 70 किमी दूर ड्यूटी करने जाना पड़ रहा है। शिक्षक के रूप में मिलने वाले वेतन के भरोसे वे तैनाती स्थल पर पत्नी व बच्चों के साथ रह लेते थे।’ समायोजन निरस्त होने के बाद उसी जगह है तैनाती1’ 38 हजार वेतन की जगह मिल रहा 10 हजार मानदेयमूल तैनाती स्थल पर भेजने का नहीं आया निर्देश1जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने कि शिक्षामित्रों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के लिए शासन से कोई निर्देश नहीं मिला है। पुरानी तैनाती व्यवस्था के तहत ही उनसे कार्य लिया ज रहा है। शासन का निर्देश आने पर ही तैनाती स्थल में फेर बदल किया जाएगा। तब तक शिक्षामित्रों को पुरानी तैनाती के तहत ही कार्य करना पड़ेगा।
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