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उग्र शिक्षकों ने डीआईओएस को बनाया बंधक, डीएम के अनुरोध पर छोड़ा

गाजीपुर। हड़ताली शिक्षकों ने बुधवार की शाम को जिला विद्यालय निरीक्षक नरेंद्र पांडेय को राजकीय बालिका इंटर कालेज में कैद कर लिया। शिक्षक नेताओं का आरोप है कि जिला विद्यालय निरीक्षक दोपहर में करीब ढाई बजे मूल्यांकन केंद्र पर आये और जबरदस्ती मूल्यांकन कार्य शुरु कराने के लिए शिक्षकों पर दबाव बनाने लगे। इस दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक ने शिक्षक नेताओं को गालियां दी।

मूल्यांकन केंद्र पर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा जबरदस्ती की खबर लगते ही सारे शिक्षक नेता राजकीय बालिका इंटर कालेज पहुंच गये और जिला विद्यालय निरीक्षक को बंधक बना लिया। शिक्षक नेताओं ने डीआईओएस पर गंभीर आरोप लगाते हुए खूब खरीखोटी सुनायी। शिक्षक नेताओं ने जिला विद्यालय निरीक्षक को अपने व्यंग के बाण व अपशब्दों से पूरी तरह से धो दिया। जिले के इतिहास में अब तक इतनी बेईज्जती किसी भी जिला विद्यालय निरीक्षक की नही हुई है।
इस संदर्भ में शिक्षक नेता विनोद सिंह ने बताया कि सारे शिक्षक नौ सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिन से मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं। जिलाधिकारी के बालाजी की पहल पर आज शाम को वार्ता होनी थी। लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक अपनी कूटनीति चाल से सारा मामला गड़बड़ कर दिये। इस सेंटर पर आकर उन्हो ने जबरदस्ती मुल्यांकन कार्य शुरु कराना चाहा और शिक्षकों को गालियां दी।
सिंह ने बताया कि शिक्षकों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही होगा इसके लिए आर-पार की लड़ाई होगी। जबतक हमारी मांगे पूरी नही होती तबतक हम इनको बंधक बनाये रखेंगे। करीब एक घंटे बाद एसडीएम सदर ने जिलाधिकारी से वार्ता कर दोनों पक्षों को डीएम आवास पर ले गये। खबर लिखे जाने तक दोनों पक्ष डीएम आवास पर पहुंच गये थें और वार्ता शुरु होने वाली थी।

डीएम के अनुरोध पर रिहा हुए डीआईओएस-

वहीं जिलाधिकारी के बाला के अनुरोध पर शिक्षको ने जिला विद्यालय निरीक्षक को रिहा कर दिया। शिक्षको और जिलाधिकारी के बीच वार्ता बेनतीजा रही। इस संदर्भ में शिक्षक नेता विनोद सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के अनुरोध पर शिक्षक भाईयो ने जिला विद्यालय निरीक्षक को रिहा कर दिया, लेकिन जिलाधिकारी ने वार्ता में कोई ठोस पहल नही किया। जिससे की कल मूल्यांकन कार्य शिक्षक कर सकें।

उन्होने बताया कि हमारी मांग है कि भ्रष्ट डीआईओएस को तत्काल कार्यमुक्त किया जाय। वित्तविहीन शिक्षकों के वेतन के लिए शासन को पत्र लिखा जाये, बकाया भुगतान का आदेश दिया जाये। लेकिन जिलाधिकारी किसी भी मांग को पूरा करने में असमर्थ दिखे, इसलिए शुक्रवार को भी शिक्षक मूल्यांकन कार्यो का बहिष्कार करेंगे। इसके पूर्व भी शिक्षकों ने बिरोध किया था,तब जिलाधिकारी ने काम लेने की मजबूरी बताकर मामला दबा दिया था।

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