यहां गवर्नमेंट इंटर कॉलेज (GIC) में वित्तविहीन शिक्षकों ने यूपी बोर्ड इलाहबाद की हाल ही में संपन्न हुई हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने (मूल्यांकन) का विरोध किया। स्कूल परिसर में पहले तो शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इससे भी जब उनका मन नहीं भरा तो नाई बुलवाकर अपना-अपना सिर मुंडवाकर विरोध दर्ज कराया।
माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा हरदोई के बैनर तले शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की। वित्तविहीन शिक्षक/कर्मचारियों के मानदेय को सरकार द्वारा अकारण बंद किए जाने के विरोध में शिक्षकों ने यह प्रदर्शन किया। मूल्यांकन का बहिष्कार करते हुए वित्तविहीन शिक्षकों ने मांग की है कि वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को कोषागार के समान कार्य समान का वेतन (जब तक यह लागू ना हो तब तक) सम्मानजनक मानदेय सुरक्षा आयुक्त सेवा नियमावली बनाकर दिया जाए। पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।
आदर्श शिक्षकों का विनियमितीकरण कंप्यूटर एवं व्यवसायिक शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण किया जाए। बोर्ड परीक्षा एवं मूल्यांकन के परिस्थिति पारिश्रमिक में वृद्धि करते हुए वर्षों से अवशेष परिश्रमिक तत्काल दिया जाए। उच्चीकृत जूनियर स्कूलों को अनुदान पर लिया जाए।
गौरतलब है कि यूपी भर में वित्तविहीन शिक्षकों का प्रदर्शन अपनी मांगों को लेकर लगातार जारी है। शिक्षक आये दिन यूपी बोर्ड कॉपी के मूल्यांकन केंद्र पर तालाबंदी करके प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर तो शिक्षकों ने कॉलेज के सामने ही मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका। शिक्षकों की तालाबंदी के चलते राजधानी सहित कई जिलों के कॉलेज में कॉपियों के मूल्यांकन का काम ठप रहता है। प्रशासन के आला अफसर को इसकी भनक लगती है तो वह मौके पर पहुंचते हैं तो शिक्षकों और अफसरों में जमकर नोक-झोंक होती है।
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