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68500 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों की जांच शुरू, टीम के सदस्यों ने इलाहाबाद पहुंच कर शुरू की छानबीन

लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 शिक्षकों की भर्ती में उजागर हुईं गड़बड़ियों की जांच शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय जांच समिति के सदस्यों ने रविवार सुबह इलाहाबाद पहुंच कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
1 जांच समिति के सदस्य सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक वेदपति मिश्र और बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह मामले की पड़ताल के लिए रविवार को इलाहाबाद पहुंचे। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पद से हटाये गए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक संजय सिन्हा शनिवार से ही इलाहाबाद में थे। शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी एससीईआरटी के अधीन काम करती है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की सचिव सुत्ता सिंह को शासन ने निलंबित कर दिया है जबकि रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं जीवेंद्र सिंह ऐरी को हटा दिया गया है। मामले की जांच में संजय सिन्हा का इनपुट भी महत्वपूर्ण होगा। वैसे इस मामले में उनकी भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। शनिवार को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को निलंबित किये जाने के बाद संस्था के दफ्तर में कॉपियां जलाने की खबर वायरल हुई थी। 1शिक्षक भर्ती की गड़बड़ियों का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होनी है। लिहाजा जांच समिति से सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। सरकार को अदालत को बताना है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ उसने क्या कार्रवाई की है। सवालों के घेरे में आयी भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार की साख दांव पर लगी है क्योंकि चार सितंबर को मुख्यमंत्री खुद परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांट चुके हैं।

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