इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित
परीक्षा में अंकों की हेराफेरी के कारण फेल हुए अभ्यर्थियों को राहत देने
के संकेत हैं। शासन की उच्च स्तरीय जांच टीम के सामने यह साबित हो चुका है
कि अंक दर्ज करने में गड़बड़ी हुई है।
ऐसे अभ्यर्थियों का चयनित होना लगभग
तय है। जांच समिति इस संबंध में शासन को सुझाव भी दे सकती है। हालांकि इस
बात पर सहमति नहीं बन सकी है कि इसके लिए संशोधित रिजल्ट जारी हो या फिर
पूरा परिणाम नए सिरे से घोषित किया जाए।1शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा
परिणाम में गड़बड़ी उजागर होने पर शासन कई अफसरों पर कार्रवाई कर चुका है
और तीन अफसरों की उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई है। समिति के दो सदस्य सर्व
शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक वेदपति मिश्र व बेसिक शिक्षा निदेशक डा.
सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में इस
मसले की गहनता से छानबीन कर चुके हैं। जांच में यह प्रमाणित हो गया है कि
अंक दर्ज करने में बड़ी गड़बड़ी हुई है। माना जा रहा है कि जिन मेधावी
युवाओं ने परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित किए लेकिन, रिजल्ट की चूक से
अनुत्तीर्ण हो गए, उनका कोई दोष नहीं है। इसलिए उन्हें चयनित होने का अवसर
दिया जाए। जांच टीम शासन को ऐसे सभी अभ्यर्थियों की सूची भी सौंपेंगी,
उम्मीद है कि सरकार इन्हें उत्तीर्ण घोषित करने का निर्देश देगी, ताकि वे
सभी तय प्रक्रिया के अनुसार शिक्षक बन सकें। भर्ती के परीक्षा परिणाम तैयार
करने में जिस तरह की लापरवाही सामने आई है उसमें कार्यदायी संस्था यानी
एजेंसी का ब्लैक लिस्ट होना तय है। वहीं, परीक्षा नियामक प्राधिकारी
कार्यालय के चुनिंदा कर्मचारी व मूल्यांकन में लगे कुछ शिक्षकों पर भी
कार्रवाई करने का प्रस्ताव किए जाने के आसार हैं।