इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूल के 68500 सहायक
अध्यापक भर्ती में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र इलाहाबाद के 12
अक्टूबर को हाजिर न होने पर नाराजगी प्रकट की है।
कोर्ट ने कहा सचिव के
खिलाफ कोई कार्यवाई करने के बजाय उन्हें सफाई देने का एक मौका दिया जा रहा
है। कोर्ट ने कहा वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि वह छात्रों की
परेशानियों का किस तरह से हल निकालेंगे, जो कि निश्चित रूप से अथारिटी के
अधिकारियों द्वारा उत्पन्न की गई है। कोर्ट ने सचिव को 24 अक्टूबर तक स्कैन
कापी देना जारी रखने का भी आदेश दिया है। कार्यालय अभ्यर्थियों से दो हजार
रुपये का ड्राफ्ट जमा कराकर स्कैन कापी दी जा रही है। 11 अक्टूबर को कोर्ट
ने कहा था कि जिन लोगों ने स्कैन कापी मांगी है उनकी संख्या कुछ हजार ही
होगी। इसके लिए दो हजार रुपये जमा कराये गये हैं। इनकी कापियों की
पारदर्शी, समान व विश्वसनीय जांच कराई जा सकती है। कोर्ट ने सरकारी वकील से
पांच अक्टूबर 2018 और 10 अक्टूबर 2018 के शासनादेशों को भी दाखिल करने को
कहा था, किंतु सचिव के लखनऊ में किसी बैठक में जाने के कारण वह नहीं आ सके,
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से जिसे कोर्ट भेजा गया उसे
कोर्ट के आदेश की जानकारी ही नहीं थी तो सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने सचिव
के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने अनिरूद्ध
नारायण शुक्ल व 118 लोगों की याचिका पर दिया है।
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