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स्कूल छोड़कर गुरुजी कर रहे बाबूगीरी, बीएसए व लेखाकार्य की लिखा-पढ़ी में जुटे कई शिक्षक, जबकि शासन ने लगाई रोक

जासं, लखनऊ : राजधानी के स्कूलों में शिक्षकों का संकट है। इसके बावजूद जिन स्कूलों में शिक्षक हैं भी, वहां पढ़ाना उनको रास नहीं आ रहा है। लिहाजा, साहब के करीबी यह शिक्षक कार्यालय में बाबूगीरी कर रहे हैं। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा परिषद सचिव का आदेश जारी होने के बाद उनमें बेचैनी बढ़ गई है।

हजारों अध्यापकों की भर्ती से भी राजधानी के ही स्कूलों में शिक्षकों का संकट दूर नहीं हो सका है। यहां संचालित 1,367 प्राथमिक विद्यालयों में से 197 नगर क्षेत्र में हैं। इनमें से नौ स्कूल एक ही शिक्षक के भरोसे हैं। लिहाजा, कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी एक ही शिक्षक पर है। ऐसे में इन स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है। वहीं बेसिक शिक्षा कार्यालय में काकोरी के स्कूल में तैनात एक शिक्षक काफी दिनों तक संबंद्ध रहे। वहीं सवाल उठने पर उन्हें एआरबीसी बना दिया गया। ऐसे में यह शिक्षक स्कूल जाने के बजाय अब भी कार्यालय में न्यायालय संबंधी कार्य को देखते हैं। वहीं काकोरी ब्लॉक के ही एक और शिक्षक, लेखा विभाग में बाबूगीरी कर रहे हैं। वहीं कुछ शिक्षक खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ कार्य में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संबंद्ध शिक्षकों को हटाकर शिक्षण कार्य में लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद इन शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। 

’>>बीएसए व लेखा कार्यालय की लिखा पढ़ी में हैं जुटे

’>>बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के आदेश के बाद बढ़ी बेचैनीशिक्षकों के कार्यालय से संबंद्ध होने की जानकारी नहीं है। इसकी बारे में पड़ताल करूंगा। वैसे, किसी विशेष अभियान या कार्यक्रम के लिए ही शिक्षकों की कुछ दिन की ड्यूटी लगाई जाती है। कार्यालय से संबंद्ध नहीं किया जाता है।

डॉ. अमरकांत, बीएसए।

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