इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद अब
न्यायपालिका सुलझायेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई
शुरू हो गई है और तीन प्रश्नों को विवादित मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के हलफनामे पर असहमति जताई है।
साथ ही तीनों प्रश्नों पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञों की राय लेकर उनकी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अगर विषय विशेषज्ञों ने अभ्यर्थियों के प्रश्नों पर आपत्ति को सही माना तो टीईटी के रिजल्ट में बड़ा बदलाव होगा और हजारों की संख्या में टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ जाएगी।
18 दिसंबर को फैसला
18 दिसंबर तक सचिव परीक्षा नियामक को तीनों प्रश्नों पर विशेषज्ञों की रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करनी है और इस याचिका पर अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। पूरी संभावना है कि कोर्ट इस दिन सुनवाई पूरी कर अपना फैसला भी सुनाएगी। क्योंकि शिक्षक भर्ती में आवेदन करने की अंतिम तारीख 20 दिसंबर है, ऐसे में अभ्यर्थियों के पास आवेदन करने के लिए समय नहीं बच रहा है। हाईकोर्ट ने भी इसी समय सीमा को देखते हुए तेजी के साथ सुनवाई पूरी की है और अब विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर अपना फैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी ही 69000 शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकते हैं।
किन प्रश्नों पर है विवाद
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में इस बार परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से 8 सवालों में बदलाव किया गया था, लेकिन उसके बाद भी तीन प्रश्नों को लेकर विवाद नहीं सुलझा है और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जिन प्रश्नों को लेकर विवाद है उनमें 'सी' सीरीज के प्रश्न संख्या 66, प्रश्न संख्या 75 और 78 शामिल है। इन प्रश्नों पर अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञ अपनी राय देंगे और प्रश्न और उनके दिए गए विकल्पों की सही स्थिति कोर्ट को बताएंगे। जिसके आधार पर हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
हाईकोर्ट में क्या हुआ
टीईटी प्रश्न पत्र को लेकर हिमांशु गंगवार सहित दर्जनों अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सभी याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अजीत कुमार एक साथ सुनवाई कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान परीक्षा नियामक सचिव ने प्रश्न पत्र से संबंधित सभी अभिलेख हाईकोर्ट को सौंपे तो बहस शुरू हुई। याचियों की ओर से बताया गया है कि प्रश्न संख्या 66, प्रश्न संख्या 75 और 78 के दो-दो उत्तर सही हैं, यानी दो विकल्प सही है, लेकिन परीक्षा नियामक सिर्फ एक ही उत्तर को सही मान रहा है। न्यायालय परीक्षा नियामक सचिव से सही विकल्प के बारे में पूछा लेकिन नियामक की ओर से दी गई दलीलों से हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और विषय विशेषज्ञों से राय लेकर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। विषय विशेषज्ञ के तौर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राम सेवक दुबे या रामकिशोर शास्त्री अपनी राय देंगे।
साथ ही तीनों प्रश्नों पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञों की राय लेकर उनकी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अगर विषय विशेषज्ञों ने अभ्यर्थियों के प्रश्नों पर आपत्ति को सही माना तो टीईटी के रिजल्ट में बड़ा बदलाव होगा और हजारों की संख्या में टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ जाएगी।
18 दिसंबर को फैसला
18 दिसंबर तक सचिव परीक्षा नियामक को तीनों प्रश्नों पर विशेषज्ञों की रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करनी है और इस याचिका पर अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। पूरी संभावना है कि कोर्ट इस दिन सुनवाई पूरी कर अपना फैसला भी सुनाएगी। क्योंकि शिक्षक भर्ती में आवेदन करने की अंतिम तारीख 20 दिसंबर है, ऐसे में अभ्यर्थियों के पास आवेदन करने के लिए समय नहीं बच रहा है। हाईकोर्ट ने भी इसी समय सीमा को देखते हुए तेजी के साथ सुनवाई पूरी की है और अब विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर अपना फैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी ही 69000 शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में इस बार परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से 8 सवालों में बदलाव किया गया था, लेकिन उसके बाद भी तीन प्रश्नों को लेकर विवाद नहीं सुलझा है और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जिन प्रश्नों को लेकर विवाद है उनमें 'सी' सीरीज के प्रश्न संख्या 66, प्रश्न संख्या 75 और 78 शामिल है। इन प्रश्नों पर अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञ अपनी राय देंगे और प्रश्न और उनके दिए गए विकल्पों की सही स्थिति कोर्ट को बताएंगे। जिसके आधार पर हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
हाईकोर्ट में क्या हुआ
टीईटी प्रश्न पत्र को लेकर हिमांशु गंगवार सहित दर्जनों अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सभी याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अजीत कुमार एक साथ सुनवाई कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान परीक्षा नियामक सचिव ने प्रश्न पत्र से संबंधित सभी अभिलेख हाईकोर्ट को सौंपे तो बहस शुरू हुई। याचियों की ओर से बताया गया है कि प्रश्न संख्या 66, प्रश्न संख्या 75 और 78 के दो-दो उत्तर सही हैं, यानी दो विकल्प सही है, लेकिन परीक्षा नियामक सिर्फ एक ही उत्तर को सही मान रहा है। न्यायालय परीक्षा नियामक सचिव से सही विकल्प के बारे में पूछा लेकिन नियामक की ओर से दी गई दलीलों से हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और विषय विशेषज्ञों से राय लेकर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। विषय विशेषज्ञ के तौर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राम सेवक दुबे या रामकिशोर शास्त्री अपनी राय देंगे।