उदयपुर| इस सप्ताह विधानसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद विभागों में
बड़ी संख्या में ज्वाइनिंग और समायोजन की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। शिक्षा
विभाग में पुनर्गठन के बाद 150 मंत्रालयिक कर्मचारी अधिशेष हो
गए थे, इन्हें खाली पदों पर लगाया जाना था, लेकिन आचार संहिता के कारण इनके समायोजन की प्रक्रिया अटक गई थी। आचार संहिता तक ये कार्मिक किसी भी सेटअप के जिम्मे नहीं थे, इनके लिए वेतन भी दूसरे रिक्त पदों से उठाने के आदेश हुए थे। अब इन्हें समायोजन कर इनके मूल पद पर भेजा जाएगा। इधर, शिक्षक भर्ती 2018 से चयनित उदयपुर के करीब 1800 शिक्षकों को भी आचार संहिता हटने के बाद पोस्टिंग का इंतजार है। इनमें नॉन टीएसपी क्षेत्र के करीब 1500 और टीएसपी के करीब 300 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। काउंसलिंग से इन्हें स्कूल भी आवंटित कर दिए थे, लेकिन आचार संहिता लगने से इनकी ज्वाइनिंग स्कूलों में नहीं हो सकी थी। डीईओ माध्यमिक नरेश डांगी ने बताया कि विभाग से आदेश मिलते ही इसको लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एसआईईआरटी से एससीईआरटी बनने के बाद 138 में से 53 पद समाप्त किए गए थे। बाकी कर्मचारियों के कार्यमुक्त होने से पहले ही आचार संहिता लग गई थी। इनमें एससीईआरटी से मनोविज्ञान विशेषज्ञ विजय सारस्वत को शिक्षा निदेशालय, कार्यालय सहायक अशोक लोढ़ा, यूडीसी सुरेश सुखवाल, वरिष्ठ लिपिक कमल प्रकाश जैन को उपनिदेशक कार्यालय रिलीव किया था। इसी तरह पुस्तकालयाध्यक्ष बसंती लाल जारोली, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भंवरगिरी गोस्वामी को डीईओ माध्यमिक में रिलीव किया था। इसमें से मनोविज्ञान विशेषज्ञ विजय सारस्वत का संयुक्त निदेशक कार्यालय में नए पद उपजिला शिक्षा अधिकारी पर समायोजन हो गया।
गए थे, इन्हें खाली पदों पर लगाया जाना था, लेकिन आचार संहिता के कारण इनके समायोजन की प्रक्रिया अटक गई थी। आचार संहिता तक ये कार्मिक किसी भी सेटअप के जिम्मे नहीं थे, इनके लिए वेतन भी दूसरे रिक्त पदों से उठाने के आदेश हुए थे। अब इन्हें समायोजन कर इनके मूल पद पर भेजा जाएगा। इधर, शिक्षक भर्ती 2018 से चयनित उदयपुर के करीब 1800 शिक्षकों को भी आचार संहिता हटने के बाद पोस्टिंग का इंतजार है। इनमें नॉन टीएसपी क्षेत्र के करीब 1500 और टीएसपी के करीब 300 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। काउंसलिंग से इन्हें स्कूल भी आवंटित कर दिए थे, लेकिन आचार संहिता लगने से इनकी ज्वाइनिंग स्कूलों में नहीं हो सकी थी। डीईओ माध्यमिक नरेश डांगी ने बताया कि विभाग से आदेश मिलते ही इसको लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एसआईईआरटी से एससीईआरटी बनने के बाद 138 में से 53 पद समाप्त किए गए थे। बाकी कर्मचारियों के कार्यमुक्त होने से पहले ही आचार संहिता लग गई थी। इनमें एससीईआरटी से मनोविज्ञान विशेषज्ञ विजय सारस्वत को शिक्षा निदेशालय, कार्यालय सहायक अशोक लोढ़ा, यूडीसी सुरेश सुखवाल, वरिष्ठ लिपिक कमल प्रकाश जैन को उपनिदेशक कार्यालय रिलीव किया था। इसी तरह पुस्तकालयाध्यक्ष बसंती लाल जारोली, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भंवरगिरी गोस्वामी को डीईओ माध्यमिक में रिलीव किया था। इसमें से मनोविज्ञान विशेषज्ञ विजय सारस्वत का संयुक्त निदेशक कार्यालय में नए पद उपजिला शिक्षा अधिकारी पर समायोजन हो गया।