बदायूं। परिषदीय स्कूलों में बेपटरी चल रही शिक्षा के जिम्मेदार कहीं हद तक
गुरुजी भी हैं। उन्हें शिक्षा से नहीं अपनी नेतागिरी चमकाने से मतलब है।
जिसका जीता-जागता उदाहरण बुुधवार को देखने के लिए मिला। स्कूल खत्म होने
के महज 15 मिनट में गुरुजी मुख्यालय पहुंच गए और तो और बीएसए से बहस तक
करने लगे। बीएसए ने आड़े हाथों लेते हुए व्यवस्था सुधारने के लिए आखिरी
मौका दिया है।
हुआ यूं कि बुधवार को बीएसए अपने कार्यालय में बैठे थे। समय एक बजकर 15 मिनट हुआ था। तभी एक शिक्षक नेता वहां आए और बीएसए से किसीसंदर्भ में कुछ जानना चाहा। इससे पहले की बीएसए कुछ बताते कि उनकी नजर घड़ी की सुई पर पड़ी तो देखा स्कूल बंद हुए महज 15 मिनट का समय बीता है।
उन्होंने गुरुजी से पूछा कि आप कहां तैनात हो तो पता चला कि वह सहसवान क्षेत्र में तैनात हैं। इस बात पर बीएसए ने आड़े हाथों लेलिया और बोले, क्या स्कूल नहीं गए थे, तो गुरुजी ने जवाब दिया वह स्कूल बंद कराकर आ रहे हैं। इस पर बीएसए चाैंक गए, क्योंकि गुरुजी के मुताबिक वह महज 15 मिनट में 50 किलोमीटर का सफर तय करके मुख्यालय पहुंच गए।बीएसए ने इसपर कड़ी नाराजगी जताई, उन्होंने साफ कहा कि पहले व्यवस्था को सुधारा जाए। कहा, कि यह आखिरी मौका है अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले असरासी के भी एक अनुदेशक संघ के नेता वहां बैठे थे। जिसपर बीएसए पहले ही नाराजगी जता चुके थे।बीएसए कृपा शंकर ने बताया किस्कूल बंद होने के बाद शहर से शहर में ही घर पहुंचने में 15 मिनट का समय लग जाता है। ऐसे में 50 किलोमीटर से 15 मिनट में चलकर आना हास्यपद है। यह व्यवस्था को बिगाड़ने का तरीका है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
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हुआ यूं कि बुधवार को बीएसए अपने कार्यालय में बैठे थे। समय एक बजकर 15 मिनट हुआ था। तभी एक शिक्षक नेता वहां आए और बीएसए से किसीसंदर्भ में कुछ जानना चाहा। इससे पहले की बीएसए कुछ बताते कि उनकी नजर घड़ी की सुई पर पड़ी तो देखा स्कूल बंद हुए महज 15 मिनट का समय बीता है।
उन्होंने गुरुजी से पूछा कि आप कहां तैनात हो तो पता चला कि वह सहसवान क्षेत्र में तैनात हैं। इस बात पर बीएसए ने आड़े हाथों लेलिया और बोले, क्या स्कूल नहीं गए थे, तो गुरुजी ने जवाब दिया वह स्कूल बंद कराकर आ रहे हैं। इस पर बीएसए चाैंक गए, क्योंकि गुरुजी के मुताबिक वह महज 15 मिनट में 50 किलोमीटर का सफर तय करके मुख्यालय पहुंच गए।बीएसए ने इसपर कड़ी नाराजगी जताई, उन्होंने साफ कहा कि पहले व्यवस्था को सुधारा जाए। कहा, कि यह आखिरी मौका है अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले असरासी के भी एक अनुदेशक संघ के नेता वहां बैठे थे। जिसपर बीएसए पहले ही नाराजगी जता चुके थे।बीएसए कृपा शंकर ने बताया किस्कूल बंद होने के बाद शहर से शहर में ही घर पहुंचने में 15 मिनट का समय लग जाता है। ऐसे में 50 किलोमीटर से 15 मिनट में चलकर आना हास्यपद है। यह व्यवस्था को बिगाड़ने का तरीका है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
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