शिक्षामित्रों से सम्बन्धित कुछ बिन्दु हैं जिन पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए नियुक्ति/समायोजन को रद्द किया : सुनी सुनाई What's app पर आयी
1-शिक्षा मित्र अस्थाई और संविदा कर्मी है अतः इनको स्थाई नहीं किया जा सकता ।
2-शिक्षा मित्रों के लिए किये गये सरकार के सभी कार्य पूर्व नियोजित और दुर्भावना से प्रेरित है।
2-शिक्षा मित्रों के लिए किये गये सरकार के सभी कार्य पूर्व नियोजित और दुर्भावना से प्रेरित है।
3-शिक्षा मित्रों को समायोजित कराने के लिए किया गया शिक्षक नियमावली में संसोधन 16 क पूर्ण अवैध है ।इनका समायोजन भी पूर्ण अवैध है।
4-केंद्र के बनाये नियमो को न मान कर उत्तर प्रदेश सरकार ने मनमाने तरीके से संसोधन किये हैं जो की गैर संवैधानिक है।
5-इनकी ट्रेनिंग तथ्यों को छुपा कर कराई गई है इसलिए ट्रेनिंग रद्द की जाती है |
6-इनकी नियुक्ति 11 माह के लिए की गई थी जो की हर वर्ष में रेनुअल होती थी वो भी एक तरफ़ा |
7-सभी लीगल विन्दुओ को ध्यान में रख कर शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग और समायोजन रद्द किया जाता है |
8-जिन शिक्षा मित्रों की नियुक्ति मानकों को मानकर की गयी जो कि सभी मानक केंद्र के हैं उनका पालन नहीं किया गया।
9- 1 लाख 24 शिक्षा मित्रों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है। बाकी लोग जो बचे हैं उन पर कमेटी बनाई जाय अगर वो सभी मानको पर खरे उतरे तो उन पर विचार किया जाए।
10-उत्तर प्रदेश शिक्षक सेवा नियमावली 1981 का अनुपालन न करने के कारण तत्काल प्रभाव से शिक्षामित्र को बाहर किया जाय।
11-शिक्षा मित्रों का चयन किसी भी रिक्त पद के सापेक्ष नहीं हुआ इसलिए इनका समायोजन रद्द किया जाए तत्काल।
12-केन्द्रीय आर टी ई एक्ट 2009 के विपक्ष में सरकार ने गलत संशोधन किये हैं जो की बियॉन्ड दा लो है असम्वेधानिक है।
13-शिक्षा मित्रों के समायोजन के संसोधन 16 क को अल्ट्रा वायरस घोषित किया जाता है इसलिए तत्काल नियुक्ति रद्द की जाती है |
14-शिक्षा मित्रों की नियुक्ति में किसी भी आरक्षण का पालन नहीं किया है इसलिए तत्काल प्रभाव से इनका समायोजन रद्द किया जाता है |
15-श्री अशोक खरे जी और श्री राहुल अग्रवाल जी और श्री अरविन्द श्रीवास्तव जी ने बहुत शानदार बहस की है इनके तर्क लीगल और तर्क पूर्ण है । इसलिए समायोजन को रद्द किया जाता है।
16 -नंदा जी पूरे केस के तीसरे दिन से कौर्ट आये लेकिन उनकी बहस ने पूरी प्रिक्रिया में सहयोग किया।
17-उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय कानूनों के विपरीत कानून ला कर असम्वेधानिक कार्य किया है |
इसलिए सरकार के सभी तर्क खारिज किये जाते हैं और शिक्षा मित्र समायोजन रद्द किया जाता है।
20-शिक्षा मित्र किसी प्रकार से 1981 नियमावली को फोलो नहीं करते हैं इसलिए इनको टेट कराने लायक भी नहीं समझा जा सकता।
21-समायोजित किये गये शिक्षामित्रों को 11 माह का मानदेय दिया गया न कि 12 माह का |
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