सिपाही भर्ती में अब शारीरिक नाप-जोख का फंसा पेंच : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद  प्रदेश में 41 हजार सिपाहियों की भर्ती में घालमेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ चर्चित जिलों और जाति विशेष के अभ्यर्थियों का बड़ी संख्या में सफल होना, ओएमआर शीट में वाइटनर लगा होना एवं क्षैतिज आरक्षण की सीटों को अन्य वर्गो से भरने के आरोप पहले ही लग चुके हैं। अब शारीरिक नाप-जोख में घालमेल होने की शिकायतें आम हो गई हैं। 1सिपाही भर्ती 2013 के करीब 41 हजार पदों के लिए 22 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
उनमें से प्री टेस्ट में करीब साढ़े सत्रह लाख अभ्यर्थी बाहर हो गए। फिजिकल के बाद मुख्य लिखित परीक्षा हुई। इसके बाद दस्तावेजों की जांच एवं शारीरिक नाप-जोख परीक्षा के लिए युवाओं को बुलाया गया था।

इसमें करीब 55 हजार युवाओं ने भाग लिया। इसमें युवाओं की तय लंबाई एवं सीना न मिलने पर अफसरों को कुछ कम से भी समझौता करना पड़ा। दरअसल ऐसा पहली बार हुआ जब मुख्य लिखित परीक्षा के बाद शारीरिक नाप-जोख हुई, वरना हर बार इसमें सफल अभ्यर्थियों को ही लिखित परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाता था। नियम में बदलाव का खामियाजा यह रहा कि करीब 15 फीसद ऐसे युवा चयनित हुए हैं जिनकी तय लंबाई एवं सीना नहीं है। यह मामला सामने आने के बाद चर्चाओं का दौर तेज है।

इसके पहले भी भर्ती से जुड़े अफसरों की मनमानी जगजाहिर हो चुकी है। जब ओएमआर शीट में वाइटनर लगे होने की चर्चा तेज हुई तो आरटीआइ के जरिए उनकी संख्या जानने का प्रयास हुआ, तब विभाग ने यह कहकर किनारा कर लिया कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है। ताज्जुब यह है कि एसआइ एवं प्लाटून कमांडर की प्रतियोगी परीक्षा में वाइटनर लगाने वालों का आवेदन निरस्त करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया और वह बाहर भी किए गए।

इसी बीच सिपाही भर्ती में भी केवल 6254 अभ्यर्थियों को ही बाहर किया गया जबकि वाइटनर लगी ओएमआर शीट की संख्या काफी अधिक थी। इसके बाद क्षैतिज आरक्षण का प्रकरण सामने आया। इसमें सामान्य वर्ग की तीन हजार महिला सीटों को अन्य वर्ग की महिला अभ्यर्थियों से भर दिया गया, जिसे भर्ती बोर्ड ने कोर्ट के समक्ष स्वीकार भी किया है।


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